नर्स के साथ की छेडछाड, विरोध करने पर कर दिया डिमोशन

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद यौन उत्पीडन कमेटी को सौंपी जांच

ग्वालियर, 09 फरवरी। जिला अस्पताल के डॉक्टर पर महिला नर्सिंग ऑफिसर ने छेडखानी का आरोप लगाया था। पीडित महिला नर्सिंग ऑफिसर की शिकायत पर आला अधिकारियों ने कार्रवाई करने की बजाय महिला नर्सिंग ऑफिसर को ही पद से मुक्त कर जनरल ड्यूटी नर्स बना दिया।
ग्वालियर जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर गंदी बात करते हैं। जिला अस्पताल की महिला नर्सिंग ऑफिसर ने यह देना दो सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला नर्सिंग ऑफिसर का कहना है कि उन्हें जिला अस्पताल के दो डॉक्टर उनको डबल मीनिंग और आपत्तिजनक जोक सुनाते हैं। ड्यूटी के दौरान कई बार उनके साथ बेड टच करते हैं। रात में मोबाइल पर गाने और आपत्तिजनक मैसेज भेजते हैं। महिला नर्सिंग ऑफिसर ने जब इसकी शिकायत आला अधिकारियों से की तो अधिकारियों ने डॉक्टरों को बचाने के लिए उल्टा पीडिता को नर्सिंग ऑफिसर के पद से ही हटाकर जनरल ड्यूटी नर्स बना दिया। इसके बाद पीडिता ने महिला आयोग और अन्य जगह शिकायत की। जब ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो फिर उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने पीडिता द्वारा पेश किए सबूत के आधार पर इस मामले में अफसर को फटकार लगाई और पीडिता को तत्काल मेडिकल ऑफिसर पर बहाल कराया। इसके साथ ही इस मामले की यौन उत्पीडन कमेटी से निष्पक्ष जांच कर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पीडिता का कहना है कि जिला अस्पताल में तैनात कई नर्स से उत्पीडन का शिकार हो रही है, लेकिन वह अपनी इज्जत और नौकरी बचाने की खातिर सब कुछ सहने को मजबूर है। कुछ नर्सों ने शिकायत भी की लेकिन कार्रवाई होने की बजाए उनको ही प्रताडित किया जाने लगा तो तो सब डर कर चुप बैठ गई। सिविल सर्जन डॉ. आरके शर्मा का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद यौन उत्पीडन कमेटी को जांच सौंपी गई हैं, 20 दिन बाद कमेटी की रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।