महिला संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत कार्यशाला आयोजित

भिण्ड, 06 फरवरी। घरेलू हिंसा के तहत महिला संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत जिला सूचना विज्ञान केन्द्र जिला भिण्ड में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिला अभियोजन कार्यालय भिण्ड से अलका गर्ग सहायक लोक अभियोजन अधिकारी, मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थिति रहीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ परियोजना अधिकारी परशुराम शर्मा ने किया। उन्होंने बताया कि यदि घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 घरेलू हिंसा के विरुद्ध संरक्षण एवं सहायता का अधिकार देता है। जिसमें शारीरिक हिंसा, लैंगिक हिंसा मौखिक और भावनात्मक हिंसा, आर्थिक हिंसा इत्यादि सम्मिलित है। योजनांतर्गत घरेलू हिंसा से पीडित महिलाओं/ बालिकाओं को ऐसी हिंसा के कारण शारीरिक क्षति पूर्ति के रूप में सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। यह योजना संपूर्ण मध्य प्रदेश में लागू है। महिला अपने नजदीकी पुलिस थाना में एफआईआर कर, उसको होने वाली शारीरिक क्षति के लिए एफआईआर की प्रति अपने क्षेत्र के परियोजना अधिकारी या प्रशासक वन स्टॉप सेंटर महिला एवं बाल विकास विभाग भिण्ड को प्रदाय करेगी। यदि उक्त महिला को शारीरिक क्षति 40 प्रतिशत तक होती है। तो उक्त महिला सहायता राशि के रूप में 2.0 लाख रुपए तथा 40 प्रतिशत से अधिक होने पर 4.0 लाख का प्रावधान रहेगा। इस घटना क्रम की जांच जिला स्तरीय कमेटी द्वारा की जाएगी, जिसमें कलेक्टर अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक सदस्य, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मेडीकल सदस्य तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी सदस्य सचिव है।
मुख्य प्रशिक्षक सहायक लोक अभियोजन अधिकारी अलका गर्ग ने बताया कि अगर किसी महिला के साथ शारीरिक हिंसा, लैंगिक हिंसा मौखिक और भावनात्मक हिंसा, आर्थिक हिंसा घटित होती होतो है। तो ऐसी महिलाएं विधिक सेवा प्राधिकरण या महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना कार्यालय एवं वन स्टॉप सेंटर में संरक्षण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर आवेदन कर सकती है। घरेलू हिंसा महिला संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत आवेदन भरवाकर प्रकरण प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत कर हिंसा कारित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भरण-पोषण राशि, आर्थिक सहायता राशि प्राप्त करने हेतु पंजीबद्ध कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की घटना में कोई भी महिला शिकायत महिला हेल्प लाईन नं.181 पर कर सकती है। कार्यशाला में प्रतिभागी के रूप में परियोजना अधिकारी समस्त महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रशासक वन स्टॉप सेंटर एवं समस्त शासकीय/ अशासकीय संस्था के परामर्शदाता, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, घरेलू हिंसा सें संबंधित कार्य करने वाली संस्थाओं से सपोर्ट पर्सन, समेकित बाल संरक्षण योजना का समस्त स्टाफ एवं महिला पर्यवेक्षक, उपस्थिति रहे।