ट्रेन में कटर मारकर घायल करने वाले आरोपी को सात वर्ष का कारावास

सागर, 12 अक्टूबर। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला सागर श्रीमती किरण तुमराची धुर्वे की अदालत ने चलती ट्रेन में कटर मारकर घायल करके मोबाइल छीनने वाले आरोपी रानू अहिरवार उर्फ शूटर को दोषी करार देते हुए धारा 394/34 भादंसं के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती किरण गुप्ता ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी रामबाबू ने थाना जीआरपी सागर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि वह अपने रिश्तेदारों, परिजनों के साथ 12 जून 2022 को रेल्वे स्टेशन सागर से हावड़ा इंदौर क्षिप्रा एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल कोच में बैठकर उज्जैन के लिए यात्रा कर रहे थे, वह अपने चचेरे भाई से उसका मोबाइल जियो कंपनी का लेकर चला रहा था, जब ट्रेन नरयावली रेल्वे स्टेशन के आस-पास चल रही थी, उसी समय ट्रेन में एक अज्ञात बदमाश उसके हाथ से मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगा, तो उसने उसका विरोध किया और मोबाइल को कस कर पकड़ लिया। तब उस बदमाश ने अपने पेंट की जेब से कटर निकाल कर उसके सीने में वार करने को हुआ तो वह अपना बांया हाथ बचाव के लिए सामने ले आया, जिससे उसके बांए हाथ की कोहनी के ऊपर कलाई व पंजे के दाहिने हाथ की बीच की अंगूली में कटर मारकर चोट पहुंचाई, जिससे उसके हाथ से बहुत तेजी से खून बहने लगा और दर्द होने लगा। बदमाश ने उसे धक्का देकर मोबाइल छीन लिया और वहीं पर पास खड़े अपने साथी को मोबाइल दे दिया जो मोबाइल लेकर चलती ट्रेन से कूद गया और उसका साथी भाग गया। उस समय ट्रेन धीमी गति से चल रही थी और जिस बदमाश ने उसके ऊपर कटर से हमला किया, उसे यात्रियों की मदद से उसी समय पकड़ लिया, इस घटना की सूचना फरियादी के साथी ने अपने मोबाइल से रेल्वे हेल्प लाईन पर दी। जब ट्रेन रेल्वे स्टेशन नरयावली के पहले गाड़ी खड़ी होने पर उसी समय ट्रेन में मौजूद आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर और उनका स्टाफ उनके डिब्बे में पहुंचा, उन्हें घटना की जानकारी दी और जिस बदमाश ने उसे कटर मारा है उसे उन्हें दिखाया, उन्होंने उसका नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम रानू अहिरवार उर्फ शूटर निवासी सागर बताया। सब इंस्पेक्टर ने तलाशी ली तो उसके पेंट की पीछे की जेब और सामने की बांई जेब में दो कटर मिले, जो उन्होंने अपने कब्जे में ले लिए थे। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-जीआरपी सागर पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 394/34, 75 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला सागर श्रीमती किरण तुमराची धुर्वे के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।