भिण्ड, 29 सितम्बर। राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पृथक चंबल प्रदेश गठन की मांग के संयोजक नरसिंह कुमार चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि चंबल नदी का उदय मालवा मध्य प्रदेश में हुआ है। मालवा से चली चंबल राजस्थान और मप्र की सीमा पर बांधों का निर्माण होने से किसानों की समस्याओं का निदान हुआ और किसान खुशहाल हुआ, चंबल में आकर चंबल नदी का अस्त हुआ।
उन्होंने बताया कि यहां पर चंबल नदी का पानी ऐसा है कि किसान वर्षा के पानी पर निर्भर रहता है। जबकि अंचल में पांच-पांच नदियों का जल संगम है। क्वारी, चंबल, यमुना, सिंध और पहुज जल संगम पर पचनदा बांध की परियोजना 25 अक्टूबर 1983 में बनी थी। केन्द्र सरकार से योजना के लिए लाखों-अरबों रुपए का बजट आता रहा है। पचनदा बांध परियोजना पर आज दिनांक तक शुरू नहीं हो पाया है। इसलिए अब चंबल की जनता जाग चुकी है, पृथक चंबल प्रदेश गठन के लिए।
चौबे ने बताया कि पचनदा बांध का निमाण हो जाता तो चंबल अंचल में भूमि कटाव कम होता तो जमीन का वाटर लेवल कम नहीं होता। सिंचाई, बिजली समस्या का समाधान होता। चंबल अंचल में नदियों का पानी ऐसा नहीं है, इसलिए किसान वर्षा पर निर्भर रहता है और कर्ज में डूबा रहता है। उन्होंने बताया कि चंबलांचल की समस्याएं एवं निदान के मुख्य बिन्दुओं को लेकर राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी द्वारा 27 दिसम्बर 1999 से पृथक चंबल प्रदेश गठन की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि पृथक चंबल प्रदेश गठन की मांग एक ऐसी जनकल्याणकारी मांग है जो लखनऊ उप्र से, भोपाल मप्र से और राजस्थान से बीहडी बाहुल्य सीमावर्ती अंतिम छोर पर बसे हैं और चंबलांचल में तीन-तीन प्रदेशों की सीमा है। इन 22 जिलों को मिलाकर पृथक चंबल प्रदेश गठन की मांग की गई है। इन जिलों में विकास के नमा से केन्द्र सरकार, राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजना आती रहीं और आते-आते दम तोडती रहीं। चंबल नदी के न उस पार, न इस पार योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिला, लाभ से वंचित रहीं।
चौबे ने बताया कि अभी तक प्रदेश के विभाजन करके पृथक प्रदेश गठन होते रहे हैं। छत्तीसगढ हो, झारखण्ड हो या उत्तराखण्ड या तेलंगाना हो। यह सभी एक राज्य के टुकडे होकर पृथक प्रदेश गठन होते रहे हैं। पृथक चंबल प्रदेश गठन की एक ऐसी जनकल्याणकारी मांग है, जिसमें उत्तर प्रदेश से आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी और ललितपुर। मप्र से गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर भिण्ड। राजस्थान से धौलपुर, करौली, सवाई माधौपुर, कोटा, बारा, झालाबड जिलों को चंबल प्रदेश गठन की मांग में शामिल किया गया है।