भिण्ड, 17 जुलाई। मेहगांव नगर के प्राचीन खेडापति हनुमान मन्दिर पर चल रही 21 दिवसीय शिव महापुराण की कथा में सोमवार को भगवान शिव की स्तुति के साथ पंचम दिवस कथा का श्रवण कराते हुए आचार्य पं. जगमोहन त्रिपाठी ने बताया कि देव और दैत्यों ने समुद्र मंथन किया जिससे रत्न, जेवरात आदि के साथ विष निकला, अब दैत्य और देवताओं को डर सताने लगा कि विष को कौन पियेगा, तब भगवान शिव की आराधना की। विष को भगवान भोलेनाथ ने अपने कण्ठ में धारण कर लिया। विष धारण करने से भगवान का कण्ठ नीला हो गया और उन्हें भगवान नीलकण्ठेश्वर के नाम से पुकारा जाने लगा। कथा स्थल पर शिवमहापुराण कथा के आयोजक संत शांतिदास महाराज के साथ नगरवासी उपस्थित रहे।