अच्छा करने के लिए सोचो नहीं, सोच बदलो : विनिश्चय सागर

भिण्ड, 07 जुलाई। आदिनाथ दिगंबर जैन चैत्यालय मन्दिर बताशा बाजार में विराजमान आचार्य 108 विनिश्चय सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोाधित करते हुए कहा कि अपने किए गए कार्यों पर सोचो नहीं, उसमें अपनी सोच से परिवर्तन लाओ क्योंकि सोचने से मात्र जीवन में परिवर्तन नहीं आता बल्कि अपनी सोच से परिवर्तन लाने से जीवन में बदलाव जरूर आता है।
आचार्य ने कहा कि जो आज तक किया है वह अब नहीं करेंगे और जो नहीं किया है वह अब करेंगे ऐसी विचारधारा जब आपकी अंतर चेतना में आएगी तब आप कुछ सुखी रह सकते हैं। आचार्य ने आगे कहा कि आपने आज तक क्या सोचा जो गलत था जो करने योग्य नहीं था जो दूसरों को कष्ट देने वाला था जो हिंसा, झूठ, चोरी अब भ्रम परिग्रह आदि पापों से लिप्त था आपने आज तक उसी के बारे में सोचा है सोच रहे हैं और ऐसा ही कर रहे हैं। आचार्य कहते हैं कि सोच बदलो जो पुण्य का हेतु है, ऐसा कार्य करो आपके जीवन की स्थिति परिस्थिति सब बदल जाएगी, आपके जीवन में सुख बरसेगा दुख कम होगा इसलिए गुरु कहते हैं, सोचो नहीं सोच बदलो।