कहानी : जानवर कौन?

अशोक सोनी

शहर के नामी अखबार के दफ्तर के बाहर आज सुबह से ही काफी सारे कुत्ते इकट्ठा हो कर भौंक रहे थे। एक काली कुतिया उन सबके आगे होती। चौकीदार ने कई बार डण्डे भी दिखाए पर वे सभी फिर आ जाते। दो दिन से यही सिलसिला जारी था। न लोग आ पा रहे थे और न जा पा रहे थे। अखबार वाले समझ ही नहीं पा रहे थे कि क्यों कुत्तों का यह जमघट यहीं पर लगा हुआ है। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस नें निगम को अपने कर्तव्य का स्मरण करवाया और निगम अपनी गाड़ी लेकर कुत्तों को पकडऩे पहुंच गई, पर दो कर्मचारियों से कुत्तों पर नियंत्रण संभव ही नहीं था, आखिर यह निर्णय किया गया कि डॉक्टर को बुलाकर इन कुत्तों के इंजेक्शन लगवाकर इन्हें बेहोश करके ले जाया जाए। डॉक्टर के बारे में पूरे शहर में यह मशहूर था कि डॉक्टर साहब जानवरों से बहुत अधिक प्रेम करते हैं और अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने अपना पूरा समय जानवरों के लिए समर्पित कर दिया, यहां तक कि शहर के जानवर भी उन्हें प्यार करते हैं और पहचानते हैं। डाक्टर सहाब के आते ही कुत्तों के भोंकने की तीव्रता शिकायत के स्वर में बदल गई और सबसे आगे की काली कुतिया तो विनीत भाव से डॉक्टर सहाब के पांव ही चाटने लगी। उसे देखकर डॉक्टर सहाब को लगभग 15 दिन पुरानी घटना याद आ गई जब इसी कुतिया को कुछ लोग मृतप्राय हालत में उठाकर लाए थे। जानवरों का मुंह बांधने वाली जाली से उसका मुंह बंधा हुआ था और पंजों को अधिक कसकर बांधने के कारण उसके पांव की हड्डियों में से एक चटक गई थी। उसके जननांग में से खून निकल रहा था। डॉक्टर साहब ने उसका पूरा मुआयना किया और निष्कर्ष निकाला कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटना हुई है, लेकिन जानवरों में खासतौर से कुत्तों में कभी ऐसा नहीं देखा गया, साथ ही जानवर का मुंह सिर्फ आदमी ही बांध सकता है। डॉक्टर सहाब को माजरा समझ में आ गया था। उन्होंने उसके मुह से जाली हटाई और आवश्यक इलाज किया, हास्पिटल में लगभग एक हफ्ते तक उसका इलाज चला। कुत्तों की घ्राण शक्ति के बारे में डॉक्टर साहब जानते थे, वे समझ गए कि यह सभी कुत्ते यह जान गए हैं कि इस कुतिया का अपराधी इसी ऑफिस में कहीं पर है, उस घटना का बदला लेने के लिए यह इकट्ठे हुए हैं। डॉक्टर साहब ने सभी कुत्तों को पुचकारा और हल्के से थपका कर वहां से जाने का इशारा कर दिया सभी वहां से चले गए। अखबार के कार्यालय में जाकर उन्होंने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को इकट्ठा किया और पूरी घटना की जानकारी दी। सभी की आंखें आश्चर्य से फटी रह गईं, डॉक्टर साहब ने पूछा कि क्या आप इस घटना को आपके अखबार में प्रकाशित करेंगे? साथ ही क्या उन्हें पुलिस में रिपोर्ट करनी चाहिए कि आपके यहां कोई तो ऐसा है जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि जिसने भी यह घृणित काम किया है वह कल सुबह तक मुझसे आकर मिल ले, अन्यथा कल पुलिस उसी काली कुतिया के साथ आएगी और कुत्तों की सूंघने की क्षमता से हम सभी परिचित हैं। सभी की आंखें शर्म से नीचे थीं, डॉक्टर साहब ने सभी के फोन नंबर लिए और वहां से आ गए।
दूसरे दिन दो नवयुवक डॉक्टर साहब से मिलने के लिए आए और आते ही उनके पैर पकड़ लिए, हाथ जोडक़र बोले डॉक्टर साहब हमें बचा लीजिए हमसे बहुत बड़ी भूल हुई है, हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि जीवन में ऐसी गलती कभी नहीं करेंगे। डॉक्टर साहब ने परिचर को उस काली कुतिया को लाने का आदेश दिया, साथ ही उसे कहा कि कुतिया को बांधकर लाया जाए। एक चैन में बांध कर उसे लाया गया तो इन दोनों युवकों को देखकर उसका भोंकना इस कदर चालू हुआ कि उसे नियंत्रण में करना मुश्किल हो गया, उसे वहां से हटवा दिया गया और डॉक्टर साहब ने एक गहरी नजर से उन युवकों को देखा, जो काफी डर गए थे और हाथ जोडक़र खड़े हो गए थे। डॉक्टर साहब बोले कि इस तरह का वीभत्स कर्म आखिर आप लोगों ने किया कैसे? क्या आपको बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हुई, युवक नतमस्तक थे। आखिर डॉक्टर साहब बोले मैं पुलिस को बुलाता हूं और इस घटना की सूचना पुलिस को दे देता हूं, अब जो भी करना है वही करे। युवक बुरी तरह रोने लगे, कहने लगे कि इससे तो पूरे शहर में हमारी बदनामी हो जाएगी, बातअखबारों तक जाएगी और हमारा पूरा जीवन खराब हो जाएगा, कोई लडक़ी हमसे शादी करने को तैयार नहीं होगी। तो ठीक है आप दोनों अपना एक माफीनामा तैयार करें जो इस कुतिया के नाम से हो और उसमें भविष्य में इस तरह की गलती न करने की शपथ लेने के साथ आने वाले तीन साल तक जानवरों की सेवा का संकल्प लें और नियमित रूप से यहां आकर इनकी सेवा करें। युवकों ने वैसा ही किया और डॉक्टर साहब ने पत्र लिखा कर उन्हें जाने दिया। घर जाकर डॉक्टर ने पत्नी से इस घटना का जिक्र किया, पत्नी बहुत नाराज हुई, आपको किसी भी स्थिति में उन्हें नहीं छोडऩा चाहिए था। उन्हें उनके कर्मों की सजा जरूर मिलनी चाहिए। अपराध भले जानवरों के प्रति किया गया हो, अपराध होता है और अपराधी को उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए। मित्रों इस घटना की समीक्षा अब आप करें कि डॉक्टर साहब ने सही किया या गलत।