न्यायालय ने आरोपी पर लगाया पांच हजार का जुर्माना
रायसेन, 09 फरवरी। न्यायालय अनन्य विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) जिला रायसेन के न्यायालय ने नाबालिग बालक के साथ गलत काम करने वाले आरोपी संतोष पुत्र दीपसिंह बंजारा निवासी थाना अंतर्गत कोतवाली, जिला रायसेन को धारा 377 भादंसं में 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 में 20 वर्ष सश्रम कारावास तथा कुल पांच हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन श्रीमती भारती गेडाम ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीडि़त ने थाना कोतवाली रायसेन में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि दो अक्टूबर 2020 के रात्रि करीब 10:30 बजे उसके घर में वह और उसके मम्मी-पापा खाना खाकर टीवी देख रहे थे, उसी समय मोहल्ले का संतोष बंजारा आया और उससे बोला कि चल गुटका लेकर आते हैं, तो वह उसके साथ गुटका लेने चला गया। फिर आरोपी संतोष बंजारा उसका हाथ पकड़कर उसे फॉरेस्ट कार्यालय के पीछे शमशान घाट के रास्ते में बाजू में उसके साथ गंदी-गंदी हरकतें करने लगा। उसने मना किया तो संतोष बंजारा नहीं माना और जबरदस्ती उसके साथ गलत काम किया। वह चिल्लाने लगा और जैसे-तैसे छूटकर भागने लगा। संतोष बंजारा ने उसे धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से खत्म कर दूंगा। उसे रास्ते में उसके मोहल्ले का राजेश राठौर मिला जिसे उसने घटना बताई, राजेश राठौर ने उसके भाई को फोन करके बुलाया, जिसके साथ वह घर गया और घर जाकर अपने मम्मी-पापा को घटना के बारे में बताया। पीडि़त की रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली रायसेन में अपराध क्र.349/2020 अंतर्गत धारा 377, 506 भादंसं एवं पाक्सो एक्ट के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। प्रकरण की विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका बनाया गया, मेडिकल परीक्षण करवाया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पत्रक बनाया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने विचारण उपरांत आरोपी को दोषसिद्ध किया है।