समाज में बदलाव के बाद ही एड्स को रोका जा सकता है : प्रो. अली

एड्स दिवस के अवसर पर किए वस्त्र वितरण

भिण्ड, 01 दिसम्बर। समाज के सकारात्मक प्रयासों से समाज में एड्स को लेकर भेदभाव और गलत फहमियां काफी हद तक खत्म हो चुकी हैं, लेकिन अब भी एड्स को नियंत्रित करने की बहुत आवश्यकता है, हम सभी मिलकर एड्स से पीडि़त लोगों को एक बेहतर जीवन देने की ओर बढ़ रहे हैं, इससे जल्दी वह समय आएगा जब एड्स से निजात मिल जाएगी। यह बात मुरलीपुरा स्थित ईंट भट्टा पर वस्त्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हम फाउण्डेशन प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. इकबाल अली ने कही। इस अवसर पर प्रांतीय महासचिव प्रो. रामानंद शर्मा, शाखा संरक्षक महेन्द्र चौधरी, जिलाध्यक्ष शैलेश सक्सेना, योगेश शर्मा, नौशीन, विकास कुशवाह, शिव समाधिया, शिफा, अशफाक और इजरायल आदि उपस्थित थे।
प्रो. रामानंद शर्मा ने ईंट भट्टे पर काम करने वाले लोगों को एड्स दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमें संक्रमित व्यक्ति के एचआईवी संक्रमित होने के बाद ही संक्रमण का पता चल पाता है। अधिकांश लोग अनजाने में एचआईवी संक्रमित हो जाते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता। महेन्द्र चौधरी ने कहा कि एड्स किसी भी आयु वर्ग में हो सकता है, इसलिए जागरुकता बहुत ही आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में ईंट भट्टा पर काम करने वाले मजदूर परिवार को सर्दी से बचने हेतु गर्म वस्त्र वितरित किए गए।