दबोह/भिण्ड, 17 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई हैं। जिसके कार्यकर्ताओं की एक लंबी संख्या पहुच गई है। कार्यकर्ताओं की ही दम पर आज पार्टी इस मुकाम पर पहुंची, पार्टी के नेता संगठन के पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं को रीढ़ की हड्डी, पार्टी की जान तमाम कशीदें बोलते रहते हैं। पर नगर दबोह में एक अजीबों-गरीब उदाहरण देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ग्वालियर अमित शाह की रैली में पहुंचना था, जिसके लिए संगठन ने पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी भाजपा के बरिष्ठ नेताओं को दी गई थी। साथ ही हर मण्डल पर पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक भी आयोजित की गई थी। जिसमें दबोह नगर को दो बसें उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया था। दबोह के कार्यकर्ता ग्वालियर जाने के लिए सुबह से बस स्टैण्ड पर एकत्रित हुए और बस का इंतजार करते रहे। पर भाजपा के जिम्मेदार नेताओं ने दबोह के लिए कोई बस नहीं भेजी, आखिर सभी कार्यकर्ता नेताओं को कोसते हुए अपने-अपने घर चले गए और दबोह के कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक रैली में शामिल नहीं हो पाए। वहीं कुछ कार्यकर्ताओं ने मण्डल अध्यक्ष को फोन भी लगाया पर मण्डल अध्यक्ष ने किसी का फोन रिसीव नहीं किया। बेचारे कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक दिन को नहीं देख पाए।
बता दें कि दबोह मण्डल अध्यक्ष का पूरा कार्यकाल विवादों में घिरा चला आ रहा है। जिसकी शिकायत कई बार प्रदेश, जिला संगठन से भी हो चुकी हैं।
आखिर जिम्मेदार कौन?
दबोह के कार्यकर्ताओं के साथ किए गए इस क्रूर मजाक का जिम्मेदार आखिर कौन है? जिन्होंने दबोह के कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा मजाक किया या जानबूझ कर दबोह के लिए बस की व्यवस्था नहीं की गई थी। बता दें कि लहार विधानसभा में भाजपा से टिकिट मांगने वाले करीब आधा दर्जन नेताओं के नाम चल रहे हैं। पर लहार क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहने के लिए एक भी नेता दिखाई नहीं देता है। क्या संगठन के लोग तथा नेताओं द्वारा ऐसे ही कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर मिशन 2023 एवं 2024 में सफल कर पाएंगे।