भिण्ड, 29 सितम्बर। हिन्दी हमारी मातृ एवं सामाजिक भाषाा है, हमारा जीवन है, हमारी संस्कृति है। इसी की अभिव्यक्ति से जीवन के विविध व्यवहार चलते हैं। अत: हम सबको हिन्दी की वृद्धि और समृद्धि में पूरा प्रयास और योगदान करना चाहिए। उक्त विचार श्री ऋषभ फाउण्डेशन भिण्ड द्वारा हिन्दी पखवाड़ा अंतर्गत आयोज्य संगोष्ठी में बतौर अध्यक्ष हाईकोर्ट ग्वालियर के अधिवक्ता उमेश बरुआ ने व्यक्त किए।
एडवोकेट बीरेन्द्र जैन के आवास पर आयोज्य विचार एवं काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ. गजेन्द्र सिंह परमार ने जीवन में अपनायी जाने वाली आंचलिक हिन्दी भाषा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर काव्य गोष्ठी में मुरैना से पधारे गीतकार डॉ. देवेन्द्र तोमर, डा. शिवेन्द्र सिंह ‘शिवेन्द्र’ तथा हरीबाबू निराला ने आंचलिक भाषा का प्रयोग कर हिन्दी विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र, कलम भेंट कर सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान ऋषभ फाउण्डेशन के अध्यक्ष बीरेन्द्र जैन एडवोकेट, संयोजक डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर, पवन जैन और अतिथियों ने प्रदान किए।
सरस्वती पूजन एवं वंदना उपरांत आयोज्य काव्य गोष्ठी में डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया, शिवराम सिंह ‘शलभ’, डॉ. गजेन्द्र सिंह परमार, रामकुमार पाण्डेय, अंजुम मनोहर, डॉ. शशिबाला राजपूत, संगीता तोमर, डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर, सलिल जैन, बीरेन्द्र जैन, डॉ. परमाल सिंह कुशवाह एवं सम्मानित कवियों ने काव्य पाठ किया। गोष्ठी के अंत में आयोजक बीरेन्द्र जैन ने सभी उपस्थितजनों का आभार काव्य-पंक्तियों में व्यक्त किया।