भिण्ड, 29 सितम्बर। चाइल्ड लाइन के संचालक शिवभान सिंह राठौर के मार्गदर्शन में ग्राम हजूरीपुरा में चाइल्ड लाइन 1098 ओपन मंच का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चे, महिला स्टेक होल्डर मिलाकर कुल 74 लोग उपस्थित रहे। चाइल्ड लाइन के सदस्य नीलकमल सिंह भदौरिया ने चाइल्ड हेल्प लाइन बच्चो कि किस प्रकार मदद करती है एवं सुविधा जनक प्रोटोकाल फॉलो कर बच्चों की मदद कर पुनर्वास करने काम करती है, बच्चों को मजबूत और सशक्त बनाने में चाइल्ड लाइन पूरे भारत में सबसे ज्यादा पॉपुलर नं.1098 का उपयोग होता है, जोकि पूरे भारत में 24 घण्टे बच्चों कि मदद के लिए तत्पर रहती है। भदौरिया ने शिक्षा का अधिकार जीवन जीने का अधिकार और बाल विवाह, चाइल्ड लेबर सुरक्षित स्पर्श असुरक्षित स्पर्श को बड़े बारीकी से समझाया, ताकि बच्चे यौन शोषण का शिकार न हों और माता-पिता सतर्क रहकर अपना बचाव कर सकें और कानूनी ज्ञान और अधिकारों से वंचित न रह सकें।
चाइल्ड लाइन क्या है 1098 नंबर पर किस प्रकार से मदद की जाती है बच्चों की यह जानकारी दी। बच्चों से 1098 पर कॉल करवाया गया, स्पीकर के माध्यम से सारे बच्चों को सुनाया गया कि चाइल्ड लाइन पर कॉल करने के बाद यह कॉल मुंबई लगता है, मुंबई में इसकी कंप्लेंड दर्ज होती है, उसकी केस आईडी नजदीकी जिले में दी जाती है और चाइल्ड लाइन का हेड ऑफिस मुंबई है। चाइल्ड लाइन अधिकतर भारत के हर शहर में मौजूद है, यह केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय योजना है, जिसमें खोए हुए बच्चे, अनाथ बच्चे, बाल मजदूरी में लिप्त बच्चे एवं गरीब, असहाय, बेसहारा, अन्य स्थिति में बच्चों के लिए चाइल्ड लाइन कार्य कर रही है। जिसका लाभ हर बच्चा ले सकता हैं। बच्चे बिना संकोच चाइल्ड लाइन 1098 पर कॉल करें।
चाइल्ड लाइन से अन्नू तोमर, उपेन्द्र व्यास, अनमोल चतुर्वेदी, अजब सिंह, आकाश शर्मा, धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने एक-एक कर बच्चों को जानकारी दी कि चाइल्ड लाइन में कॉलर की जानकारी गुप्त रखी जाती है। इसी क्रम में ग्राम आगनवाड़ी कार्यकर्ता गीता बघेल, निशा बघेल का सहयोग रहा। चाइल्ड लाइन द्वारा बच्चों को खेल खिलवाकर कर उनकी समस्याओं से रूबरू हुए और बच्चों बिस्किट, टॉफी देकर उनका मुंह मीठा किया और चाइल्ड लाइन से बच्चों ने दोस्ती की और सबके सहयोग से कार्यक्रम को संपन्न बनाया।