बारे दद्दा, फटी फटाई दरी कल तक और आज गद्दा…

भिण्ड, 21 फरवरी। बसंतोत्सव के अवसर पर अटेर विकास खण्ड के ग्राम किशूपुरा में इन्द्रबहादुर सिंह भदौरिया के संयोजन में काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में भिण्ड से साहित्यकार डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला, आचार्य गजेन्द्र सिंह कुशवाह, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, आशुतोष शर्मा नंदू, मधैयापुरा से रामधुन त्रिपाठी, नहटोली से श्रीकृष्ण शर्मा, फूफ से सुमित तोमर, दबोहा से रामजीलाल शर्मा ने समसामयिक विषयों पर काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षक सूरतराम शर्मा, समाजसेवी पहलवान सिंह भदौरिया के साथ अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला ने अपने चिरपरिचित अंदाज में अपनी प्रसिद्ध कविता-बारे दद्दा बारे दद्दा बा बा रे दद्दा, फटी फटाई दरी कल तक और आज गद्दा, सुनाई। उन्होंने इस अवसर पर एक मारक सवैया भी प्रस्तुत किया- कुर्ता-पजामा में बन बैठे मुख्य अतिथि, डीएम के ठीक दाएं जमे हैं। देखो तमाशा सियासत का भाई, लुटेरों की रक्षा में गार्ड लगे हैं…, कविता को लेकर उपस्थित जनसमुदाय में बड़ी उत्सुकता रही। आचार्य गजेन्द्र सिंह कुशवाह का गीत चंबल क्षेत्र हमारो लगत हमें प्रानन से प्यारौ… को भरपूर सराहना मिली। नंदू ने कहा कि कर लो मजे खूब तुम चाइना के राज में, पर भूल न जाना पाक हम तुम्हारे बाप हैं… सुनाया। धर्मेन्द्र त्रिपाठी की कविता मृत्युभोज को भरपूर सराहना मिली। कार्यक्रम के अंत में इन्द्रबहादुर सिंह भदौरिया ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सूरतराम शर्मा व आशुतोष शर्मा नंदू ने किया।