सरल संस्कृत से शास्त्रों की तरफ आएं जनसामान्य : डॉ. बालकृष्ण शर्मा

संस्कृत शिक्षण ग्वालियर का प्रमाण पत्र वितरण व नवीन सत्र उद्घाटन कार्यक्रम

ग्वालियर, 20 दिसम्बर। अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण ग्वालियर का प्रमाण पत्र वितरण व नवीन सत्र उद्घाटन कार्यक्रम सोमवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के भाषा अध्ययन केन्द्र के सभागार में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने सरस्वती पूजन से किया। देवब्रत भार्गव ने वैदिक मंगलाचरण व विजय उपाध्याय ने लौकिक मंगलाचरण किया। संस्कृत के ध्येय संबंधी श्लोक मंत्रिता शर्मा ने गाए। अमन तथा अनिल ने संस्कृत गीत गाकर संस्कृतमय वातावरण बनाया। अतिथियों का स्वागत व परिचय कृष्णकांत पंचारिया अनौपचारिक संस्कृत शिक्षक ने करवाया। अतिथियों का सम्मान पुष्पमाला, नारियल व रांकव वस्त्र देकर भाषा अध्ययन शाला परिवार के शिक्षकों ने किया। विशिष्ट अतिथि प्रो. हेमंत शर्मा ने संस्कृत के इस प्रकल्प में ग्वालियर के लोगों को जुडऩे व संस्कृत ज्ञान को दृढ़ करने की बात कही।


मुख्यवक्ता डॉ. बालकृष्ण शर्मा, साहित्याचार्य संस्कृत महाविद्यालय ने वैदिक संस्कृत से लेकर सामान्य संस्कृत तक का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि जन सामान्य संभाषण से शास्त्र की तरफ आएं। संस्कृत में जो ज्ञान निहित है वही ज्ञान हम सब जगह देख रहे हैं। जो संस्कृत में नहीं वो कहीं नहीं। उसके बाद सभी उत्तीर्ण छात्रों को प्रमाणपत्र व अंकतालिका दी गई। अध्यक्षीय भाषण प्रो. एसके द्विवेदी केन्द्राधिकृत अधिकारी ने संस्कृत व शुल्ब सूत्रों की चर्चा की। साथ ही संस्कृत के हो रहे कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। आभार व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्योत्स्ना सिंह राजावत ने किया।
कार्यक्रम का मंच संचालन व संयोजन कृष्णकांत पंचारिया ने किया। साथ ही शिक्षक पंचारिया ने बताया कि इन केन्द्रों पर संस्कृत पृष्ठभूमि के लोगों के सहित शिक्षक, प्राध्यापक, छात्र, वकील, चिकित्सक सहित हर आयु वर्ग व हर विषय के विषयज्ञ एवं जन सामान्य प्रतिभाग कर सकते हैं। अभी आवेदन चल रहे हैं, इच्छुक व्यक्ति 7062563743 पर संपर्क कर सकते हैं। कार्यक्रम में डॉ. ज्योत्स्ना सिंह, डॉ. राखी वशिष्ठ, डॉ. मंजू चौहान, डॉ. निशी भदौरिया, डॉ. नीलिमा गौड, डॉ. रीना भार्गव, डॉ. राहुल श्रीवास्तव, डॉ. धर्मेन्द्र, डॉ. राकेश दुबे, अलकेश त्रिपाठी, अनिल राजावत, मोहित पाठक व कर्मचारियों सहित ग्वालियर के संस्कृत निष्ठों व सुरभारती समुपासकों की उपस्थिति रही। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।