अपराधी को दण्ड न मिले तो वह अपनी प्रवृत्ति नहीं छोड़ता : पं. व्यास

दंदरौआ धाम में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 30 नवम्बर। अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को अपराध करने की छूट नहीं मिलना चाहिए। यदि किसी अपराधी को अगर दण्ड न मिले वह आपराधिक प्रवृत्ति कभी नहीं छोड़ सकता। यह उद्गार गुरु पुरूषोत्तमदास महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहे 25वे वार्षिक महोत्सव के अवसर पर कथा वाचक पं. रमाकांत व्यास ने श्रीमद् भागवत कथा में प्रवचन करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि अपराधियों को दण्ड देने का विधान तो शास्त्रों में भी बताया गया है। पुराण बताते हैं कि भगवान श्रीराम एवं भगवान श्रीकृष्ण ने भी कई अपराधियों को दण्ड दिया है। अपराधी रहित समाज के निर्माण हेतु कानून का सख्त होना जरूरी है, तभी हमें भय मुक्त वातावरण प्राप्त हो सकता है। ऐसे मनुष्य जीते हुए भी किसी के काम के नहीं होते हैं, ऐसे लोगों की व्यक्ति निंदा ही करते हैं। उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान केवल प्रेम के बंधन में बंधते हैं। उन्हें न तो धन बांध सकता है और न शक्ति से भगवान बंध सकते हैं। भगवान भाव के भूखे होते हैं। उनकी भक्ति ही उन्हें आपकी ओर खींच कर ला सकती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य अगर सुन्दर होने के साथ साथ धनवान है और उच्च पद पर है तो उसमें धैर्य एवं भक्तिभाव होना चाहिए, नहीं तो मद में आकर वह अपने पथ से भटक सकता है।
कथा आयोजन में यज्ञाचार्य पं. रामस्वरूप शास्त्री अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षत भगवत दयाल भारद्वाज तथा आयोजन की व्यवस्था वृंदावन धाम के महंत श्रीश्री 1008 राधिकादास महाराज देख रहे है। इस अवसर पर मंहत रामदास जी महाराज, राधिकादास महाराज, मुलूकपीठ वृंदावनधाम के राधेश्याम महाराज, गोहद विधायक मेवाराम जाटव, कोकसिंह लाहरा, जलज त्रिपाठी, पवन शास्त्री, नरसी दद्दा सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।