भिण्ड, 28 अक्टूबर। आलमपुर क्षेत्र में सोमवार को दिनभर एवं रात में हुई बारिश के थमने के पश्चात जब मंगलवार को किसानों ने अपने-अपने खेतों पर जाकर देखा तो धान की पकी फसल को नष्ट होता देखकर किसानों की आंखों में आंसू छलक आए है। बारिश के कारण धान की फसलें खेतों में बिछ गई है। जिससे धान की पकी हुई फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। किसान एक ओर जहां महंगाई की मार तथा खाद की समस्या से जूझ रहा है। तो वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदा से फसलें बुरी तरह से नष्ट हो चुकी है।
बताया गया है कि कई छोटे किसानों ने इधर उधर से कर्ज लेकर धान की फसल की थी। लेकिन बरसात ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। अभी हाल ही में जिन किसानों ने सरसों, मसूर की फसल की बुबाई की थी। उन किसानों की सरसों, मसूर की फसलें भी खराब होने की स्थिति में पहुंच गई है। आलमपुर क्षेत्र में बरसात के कारण किसानों की पकी हुई धान की फसल को भारी क्षति पहुंची है। लेकिन किसानों की सुध लेने के लिए आलमपुर क्षेत्र में अभी तक न तो प्रशासन के नुमाइंदे पहुंचे हैं और ना ही जनप्रतिनिधि किसानों के बीच पहुंचे है। बारिश थमने के बाद हवा का दौर शुरू हो गया है, इसलिए समूचे अंचल में सर्दी बढ़ गई है। लोगों को जोरदार सर्दी का अहसास होने लगा है। मंगलवार को आलमपुर में अनेक लोग गर्म कपड़े पहने नजर आए है। पिछले दो दिन से मप्र के कई जिलों में बारिश का दौर चल रहा है और आगामी दो-तीन दिनों तक कई जिलों में बरसात होने की संभावना है।
मुख्य मार्ग पर बरसात का पानी भरा
आलमपुर में पुलिया तिराहे से बस स्टेण्ड की ओर आने वाले सड़क मार्ग पर कानूनगो पैलेस के सामने बरसात का पानी भरा हुआ है। जिससे नागरिकों को सड़क मार्ग से निकलने में कठिनाई हो रही है। तो वहीं जलभराव के कारण डामर से निर्मित सड़क क्षतिग्रस्त हो रही है। लोगों का कहना है कि यहां बरसात के पानी की निकासी व्यवस्था नहीं होने के कारण मुख्य मार्ग पर बरसात का पानी भर जाता है और सड़क पर कई दिनों तक बरसात का पानी भरा रहता है।







