कनाथर में चल रही भागवत कथा में हुआ भगवान श्रीेकृष्ण का जन्म

भिण्ड, 15 नवम्बर। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम कनाथर में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण की पांचवे दिवस की कथा में कथा वाचक आचार्य पं. विमल कृष्ण महाराज ने क्षेत्र के भक्तों को भक्त वत्सल भगवान की अपार कृपा और भक्त व भगवान के बीच के संबंध को भी बताया। कथा वाचक विमल कृष्ण महाराज के मुखाग्र से आज भगवान कृष्ण के जन्म की लीला और मंचन हुआ। जिसके बाद गोकुल की अठखेलियां, पूतना जैसे दैत्यों के भगवान के बाल स्वरूप में बध किया। भगवान श्रीहरि का अत्याचारियों और दैत्यों का सर्वनाश करने के लिए हर युग में अवतार हुए हैं। तदुपरांत भगवान ने इन्द्र देव की पूजा बंद कराकर गोबरधन की पूजा कराई, जिससे गोकुल वासियों को उनके गुस्सा से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया था, जिसके बाद सभी गोकुलवासी उन्हें गिरधारी के नाम से पुकारने लगे। आगे कंस वध की कथा हुई और भगवान कृष्ण की द्वापर के अवतार का महत्व बताया। कथा में भगवान के अवतार और चरित्र का विस्तार से वर्णन कर समस्त क्षेत्रवासियों को भागवत कथा का लाभ दिया।

श्रीमद् भागवत कथा में उपस्थित श्रृद्धालुगण

आचार्य केके पंडित की प्रेरणा और आशीर्वाद से चल रही भागवत कथा को श्रवण करने क्षेत्र के हजारों लोग दूर-दूर से पधार रहे है तथा ऑनलाइन यूट्यूब के माध्यम से भी लाखों लोग कथा से जुड़ रहे है। आचार्य जी ने बताया है कि कलयुग में मोक्ष, ज्ञान और सांसारिक व मानव जीवन में भागवत का विशेष महत्व है जिसे सुनकर हम धर्म परायण होकर बहुत पुण्य प्राप्त कर सकते है। कथा में आज श्रीश्री 1008 श्री कमलदास महाराज जी ने आशीर्वाद दिया।