योग सही तरह से जीने का विज्ञान है : योगगुरु रामाधार

भिण्ड, 12 नवम्बर। भारत विकास परिषद शाखा भिण्ड के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय योग व आयुर्वेद चिकित्सा शिविर का प्रारंभ शुक्रवार को सुबह छह बजे से भारद्वाज मांगलिक भवन लहार रोड पर किया गया।
रीवा से आए योग प्रशिक्षक रामधार विश्वकर्मा ने बताया कि योग को दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग प्रशिक्षक कप्तान सिंह राठौर ने समझाया कि योग का अर्थ एकता या बांधना है। इस शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द युज, जिसका मतलब है जुडऩा। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुडऩे का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। यह योग या एकता आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बंध, षट्कर्म और ध्यान के अभ्यास के माध्यम से प्राप्त होती है। तो योग जीने का एक तरीका भी है और अपने आप में परम उद्देश्य भी।


योग शिविर में योग गुरुओं द्वारा विभिन्न योगासनों को कराया गया व इनका महत्व भी समझाया गया। जिसमें दो दर्जन से अधिक शहरवासी व परिषद के अध्यक्ष कमलेश सैंथिया, सचिव डॉ. साकार तिवारी, कोषाध्यक्ष रामवीर परिहार, सुखराम भारद्वाज, डॉ. अवधेश सोनी, डॉ. वरुण शर्मा, धीरज शुक्ला, संजीव गुप्ता, रमन गुप्ता, अनिल शर्मा, सुरेश भारद्वाज, सोनू सैंथिया सहित परिषद के सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।