भिण्ड, 16 जून। भारतवर्षीय दिगंबर जैन धर्म संरक्षिणी महासभा द्वारा रविवार की शाम को व्यापार मण्डल धर्मशाला में मुन्ना जैन, अजीत जैन एवं राजेश जैन के संयोजन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मनीष जैन के परिवार ने किया। चित्र अनावरण राजीव जैन एवं दीप प्रज्ज्वलन नवीन जैन के परिवार द्वारा किया गया। तदुपरांत मंगलाचरण अनन्या जैन एवं स्वागत गीत नव्या जैन ने गाया। महासभा के वार्षिक प्रतिवेदन का वाचन महासभा के महामंत्री दीपचंद जैन तथा भामाशाह पशु पक्षी और योजना का वार्षिक प्रतिवेदन आनंद जैन बेकरी ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसडीएम गोहद पराग जैन एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री भूपेन्द्र जैन, कार्यक्रम की अध्यक्षता संजीव जैन ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में संकुल प्राचार्य जवासा राजीव शर्मा, अल्पना जैन, प्रबंधक पंजाब एवं सिंध बैंक सूरज बंसल उपस्थित थे।
इस अवसर पर एसडीएम पराग जैन ने कहा कि महासभा समाज की अग्रणी संस्था है, जो 21 वर्षों से लगातार मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान कर रही है। यह पहला अनूठी है, बच्चों को इससे आगे बढाने हेतु प्रोत्साहन मिलता है, नई आशाएं जगाती हैं तथा उनके माता-पिता अपने बच्चों को सम्मानित होते देखा बेहद खुश होते हैं।
विशिष्ट अतिथि राजीव शर्मा ने कहा कि हाईस्कूल व हायर सेकेण्ड्री परीक्षा विशेष उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को सम्मानित किया जाता है, फिर उनके आगे की पढाई शुरू होती है, कोई कोटा जाता है, कोई इंदौर जाता है, कोई दिल्ली जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चों पर अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए, कंपटीशन बहुत होता है, बच्चों की विशेष रुचि जिस विषय में है उसे विषय में स्वयं को बच्चों को चुने देना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि भूपेन्द्र जैन ने कहा कि बच्चों को देखता हूं तो मेरा बचपन याद आ जाता है। मैं जब पास हो जाता था तब मैं चाहता था कि मेरे माता-पिता खुश हो जाएं। इस कार्यक्रम में लगभग 100 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। जिसमें आईआईटी के लिए चयनित सुब्रत जैन को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वार्ड क्र.29 के पार्षद ओमप्रकाश बाबूजी, वार्ड क्र.13 के पार्षद यश जैन, वार्ड क्र.5 के पार्षद राहुल जैन, पार्षद मनोज जैन, अकोडा के पार्षद विमल जैन विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन दिनेश जैन एडवोकेट ने किया। कार्यक्रम में महिला महासभा के साथ-साथ शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, छात्र-छात्राओं के माता-पिता परिवरीजन मौजूद थे।