माता-पिता का साया जब तक अपने सिर पर रहता है तब तक कई तरह की चिंताओं से हम दूर रहते हैं : सीएसपी

एक शाम बुजुर्गों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड, 07 नवम्बर। एक शाम बुजुर्गों के सम्मान में कार्यक्रम नवादा बाग स्थित पार्क में संपन्न हुआ। जिसमें किशोर, युवा, बालकों ने मिलकर अपने आस-पास रह रहे बुजुर्गों का सम्मान किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका में नगर पुलिस अधीक्षक आनंद राय ने कहा कि अपने माता-पिता का साया जब तक अपने सिर पर रहता है तब तक कई तरह की चिंताओं से हम दूर रहते हैं, हमारी ड्यूटी ही कुछ ऐसी है जिसमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य को पहले रखा जाता है और फिर परिवार की ओर देखा जाता है। इसीलिए मैं अपनी मां को सदैव अपने पास रखता हूं, जिससे हम अपनी राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी के साथ-साथ अपनी मां का आशीर्वाद भी अपने साथ रख सकें। प्रत्येक बालक-बालिका को आज से ही यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने जीवन में अपने माता-पिता और घर के बुजुर्गों का सदैव सम्मान करेंगे।

कार्यक्रम में बुजुर्गों का सम्मान करते हुए स्थानीय नागरिक

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नवादा वाग के ही रहने वाले आईआरएस अधिकारी अभिषेक चौहान ने कहा कि हमारे माता-पिता हमारे लिए असली भगवान है, हमें जितना अधिक समय मिले उनके साथ रहना चाहिए। आज हमारा पैतृक गांव उत्तर प्रदेश मैनपुरी में है, हमारा बचपन इस नवादाबाग में गुजरा है, हमारा एक घर ग्वालियर में भी है पर जब कोई हमसे पूछता है आपका गांव कौन सा है तब मेरी परिकल्पना में केवल नवादा बाग का दृश्य दिखाई देने लगता है और हम उनसे कहते हैं हम नवादा गांव भिण्ड के है। यहां कल के युवा जिन्होंने मुझे बचपन में पलते बढ़ते देखा, उन्हें देखकर के हम ऊर्जा का संचार करते रहे, और इस प्रशासनिक व्यवस्था का भाग बने, आज वह बुजुर्ग हो गए हैं और हम सौभाग्यशाली हो गए हैं कि उन्हें सम्मान करने का अवसर मिला।
कार्यक्रम संयोजक दीपक दैपुरिया ने कहा कि यह कार्यक्रम पिछले तीन वर्ष से सोचने के बाद आज से करके हमें सुकून मिला। हम सभी बुजुर्ग का सम्मान करके इसे एक परंपरा बनाना चाहते हैं, जिससे प्रत्येक परिवार में अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का अवसर मिले और नई पीढ़ी अपने बाबा दादी के सानिध्य में पले बढ़े। कार्यक्रम में मनोज दैपुरिया ने अपने विचार रखे, उन्होंने कहा कि माता-पिता भगवान से बढ़कर होते हैं, हमें सदैव उनका मान सम्मान करना चाहिए। हम सबसे पहले उनकी पूजा करें तो हमारा घर ही मन्दिर हो जाता है, इस प्रकार के कार्यक्रम को निरंतरता में बनाए रखें हम सदैव सहयोग के लिए तैयार रहेंगे।
शिक्षक गगन शर्मा ने कहां कि जब तक हमारे माता-पिता का साया हमारे सिर पर था तब तक हमें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी कभी महसूस नहीं हुई, पर उनके जाते ही हम अपने आपको अकेला महसूस करते हैं। हमारे बच्चे बाबा-दादी का की यादों में पल बढ़ रहे हैं, इसलिए जिनके माता-पिता, बाबा दादी साथ में है, उनकी सेवा के लिए सदैव तत्पर रहे। कार्यक्रम का संचालन रामकुमार पांडे ने किया। उन्होंने कई बार रामायण की चौपाई से कविता के छंदों से अपने बड़े बुजुर्गों का महत्व समझा दिया। कार्यक्रम में लगभग 50 बड़े बुजुर्ग माता-पिता तथा दादा-दादी को रामचरित मानस धार्मिक पुस्तक देकर सम्मान किया गया।
आभार प्रदर्शन करते हुए राधेगोपाल यादव ने कहा कि ऐसे सभी बड़े बुजुर्ग जो हमें मार्गदर्शन देते हैं, उनकी छत्रछाया की शीतलता हमें सदैव आगे बढऩे की प्रेरणा देती है। आज यह कार्यक्रम जो आकार में बहुत छोटा दिखाई दे रहा है, जब यह अपने बड़े स्वरूप में आएगा तो निश्चित मानिए भिण्ड का मान सम्मान बढ़ाने वाले युवा अपने पथ से भटकेंगे नहीं, वे सीधे लक्ष्य की ओर अग्रसर होकर राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कार्यक्रम में युवा शक्ति बेटू भदौरिया, गौरव भदौरिया, अरेसब भदौरिया, ऋषभ भदौरिया, आशीष बोहरे, अवनीश दैपुरिया, शुशांत कुशवाह के साथ मिलकर अन्य युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह कुशवाह, रामप्रकाश शर्मा डब्बल सरपंच, विनोद दैपुरिया आदि सम्माननीय उपस्थित थे।