सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट पहुंचा युवक, सुनवाई में उठे मुद्दे

मुस्लिम युवती से शादी करना चाहता था ग्वालियर का हिन्दू युवक

ग्वालियर, 06 फरवरी। हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में अंतरधर्म विवाह की इच्छा लेकर एक प्रेमी जोडा सुरक्षा की मांग लेकर गया। प्रेमी जोडा करैरा का रहने वाला है। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान पूछा कि लडका हिन्दू है और लडकी मुस्लिम, क्या दोनों शादी कर सकते हैं।
इस पर मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनिल मिश्रा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का अंतर किसी भी धर्म के आधार पर नहीं किया जा सकता। ना ही उसे शादी करने से रोका जा सकता है। हमारा संविधान देश के हर एक नागरिक को बतौर मौलिक अधिकार यह सुविधा देता है कि वो किसी के भी साथ विवाह कर सकता है। वहीं जब बात सुरक्षा की आई तो शासन की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता रविन्द्र दीक्षित ने कहा कि देश के हर व्यक्ति को सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार है, ऐसे में संविधान के अनुसार याचिका कर्ताओं को सुरक्षा दी जाना चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में तर्क सुनकर शिवपुरी के एसपी को आदेश दिया कि शादी के पंजीकृत करवाने से लेकर हर एक तारीख पर याचिका कर्ताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए।
कोई शिकायत मिले तो पहले युवती के बयान हो दर्ज
याचिकाकर्ता अधिवक्ता आशीष जादौन ने बताया कि करैरा के रहने वाले एक प्रेमी जोडे ने शादी करने के लिए हाईकोर्ट से सुरक्षा मांगी है। इस पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम ला की धारा 259 पर भी विमर्श किया गया। कोर्ट ने यह पाया कि हिन्दू युवक और मुस्लिम युवती की शादी अमान्य नहीं हो सकती, ऐसे में वो स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 4 के अंतर्गत शादी भी कर सकते हैं और उसे पंजीकृत भी करवाया जा सकते है। इस मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि अगर युवक के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज की गई है या भविष्य में की जाती है तो उसमें पहले युवती के बयान दर्ज किए जाएं और पडताल करने के बाद ही कार्रवाई की जाए।