टैक्स चोरी का 16 साल पुराना केस खुला तो 100 करोड की चोरी पकडी

ग्वालियर, 06 फरवरी। टैक्स चोरी से जुडे एक 16 साल पुराने मामले में आयकर विभाग की टीम द्वारा बडी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। आयकर विभाग की टीम जिंदरगढ स्थित ईजी गो ट्रिप और एक अन्य इंटरप्राइजेज के कार्यालय पहुंची। यहां टीम ने मामले से जुडे दस्तावेज फिर से खंगाले और पता लगाया कि आखिरकार दर्जनों बार नोटिस भेजने के बाद भी करोडों रुपए की टैक्स की राशि जमा क्यों नहीं की जा रही है। आयकर विभाग के अधिकारियों ने बातचीत में बताया कि यह मामला 2008 में हुई सर्चिंग से जुडा हुआ है।
100 करोड रुपए से ज्यादा की होनी थी वसूली
विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि सिंघल परिवार से जुडे प्रशांत सिंघल और रविंद्र सिंघल हिंदुस्तान और गालव सोसायटी के संचालन से जुडे हुए हैं। आयकर विभाग ने इस कार्रवाई में करोडों रुपए की टैक्स चोरी भी पकडी है। इसके अलावा विभाग ने असेसमेंट की कार्रवाई की ओर अपील के निराकरण के बाद 100 करोड से ज्यादा टैक्स की डिमांड निकाली है। डिमांड की वसूली के लिए विभाग द्वारा काफी समय से लगातार नोटिस भेजे जा रहे थे लेकिन ना तो नोटिस का जवाब मिलता था और ना ही इसकी राशि जमा कराई जा रही थी। ऐसे में पुलिस बल के साथ एडिटिंग जनरल निश्चित कार्यालय पर पहुंची और कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
लगातार नोटिस भेजे लेकिन नहीं मिला जवाब
आयकर विभाग ने करीब 16 वर्ष पूर्व कार्रवाई करते हुए करोडों रुपए की टैक्स चोरी पकडी थी। विभाग के एसेसमेंट और अपील के निराकरण के बाद 100 करोड से ज्यादा टैक्स की डिमांड निकाली गई है जिसकी वसूली के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार नोटिस भेज रहा था। लेकिन व्यापारियों द्वारा ना तो नोटिस का जवाब दिया गया और ना ही टैक्स की राशि जमा कराई गई। लिहाजा पुलिस बल के साथ इनकम टैक्स की टीम ने यह कार्रवाई की। फिलहाल अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस कार्रवाई के बाद व्यापारी ने टैक्स की राशि जमा की या नहीं।