जिले में विटामिन ए अनुपुरण राउण्ड का आयोजन 18 फरवरी से 18 मार्च तक

भिण्ड, 06 फरवरी। भिण्ड जिले में विटामिन ए अनुपूरण राउण्ड एवं पिछले दस्तक अभियान में चिन्हित अनिमिक बच्चों के फॉलोअप हेतु दस्तक अभियान का आयोजन 18 फरवरी से 18 मार्च तक किया जाना है, जिसके सफल क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय उन्मुखीकरण बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सभाकक्ष भिण्ड में किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस यादव ने की। इस अवसर पर डीआईओ डॉ. किशन सिंह राजावत सहित समस्त मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, बीसीएम एवं ग्वालियर से पधारे न्यूट्रिशन इंटरनेशनल के संभागीय समन्वयक मिर्जा रफीक बेग उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विटामिन ए अनुपूरण राउण्ड एक महत्वपूर्ण अभियान है। जिसके माध्यम से हम न सिर्फ बच्चों में होने बाली बीमारियों को समय पर पहचान कर बच्चों में होने बाली मृत्यु दर में कमी ला सकते हैं, बल्कि विटामिन ए के माध्यम से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाकर सम्भावित खतरों से उनको सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का सतत मॉनिटरिंग कार्य जिला एवं ब्लॉक अधिकारियों द्वारा किया जाए एवं कार्य में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाए।
अभियान के मध्य में मिड टर्म रिव्यू बैठक का आयोजन कर कार्य की मध्य कालीन समीक्षा की जाएगी, जिससे समयानुसार आवश्यकता पडने पर सुधार किया जा सके। इसके साथ ही ब्लॉक स्तर पर भी बीएमओ के माध्यम से कार्य की गुणवत्ता की निगरानी की जाए। इस अभियान का लाभ जिले के सभी हितग्राही बच्चों को प्रदान किया जाए। एनआई के संभागीय समन्वयक मिर्जा रफीक बेग ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि जिले में दस्तक अभियान का आयोजन 18 फरवरी से 18 मार्च तक किया जाना है, जिसके अंतर्गत स्वास्थ एवं महिला बाल बिकास विभाग की संयुक्त टीम द्वारा समस्त 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। इसके साथ ही खुराक की जानकारी एमसीएच कार्ड में दर्ज की जाए।
जिला टीकाकरण अधिकारी ने कहा कि विटामिन ए बच्चों के लिए अत्यंत आवश्यक पोषक तत्व है, जिसके माध्यम से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसके साथ ही यह खुराक बच्चों में होने वाली रतोंधी, खसरे एवं त्वचा संबंधित रोगों की रोकथाम में भी सहायता करती है। इसलिए समस्त पालक इसका सेवन अपने बच्चों को आवश्यक रूप से करवाएं, इसके लिए हमें उन्हें प्रोत्साहित करना होगा।