भिण्ड, 03 फरवरी। शा. महाविद्यालय मेहगांव में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा बसंत पंचमी का उत्सव सरस्वती वंदना एवं काव्य पाठ प्राचार्य राकेश कुमार डवरिया के निर्देशन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जीवाजी विश्वविद्यालय समन्वयक प्रो. हरि कंषाना एवं समस्त स्टाफ भी उपस्थित रहा एवं एनएसएस, एनसीसी के स्वयंसेवकों ने सरस्वती पूजन किया।
इस अवसर पर प्राचार्य राकेश कुमार डवरिया ने पौराणिक और ऐतिहासिक प्रसंगों से छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया। प्रो. हरि कंषाना ने कहा कि बसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। मनुष्य के साथ प्रत्येक जीव जंतु भी उल्लास से भर उठता है। बसंत पंचमी का पर्व भारतीय जन जीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है। बसंत पर्व से संबंधित अनेक ऐतिहासिक और पौराणिक प्रसंग सुनने को मिलते है। जैसे सीता हरण के बाद श्रीराम उनकी खोज में दंडकारण्य वन में पहुंचते हैं। जहां भीलनी शवरी का आश्रम था। शबरी ने उन्हें जूठे बैर खिलाए थे। कहा जाता है राम जिस शिला पर बैठे थे उसकी आज भी पूजा की जाती है। बसंत पंचमी और मां सरस्वती के प्रकट दिवस पर अनेक कथा और प्रसंग मिलते हैं।