पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती, ये साइवर अपराधियों की चाल : एसपी

अपराधों से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी, जागरूकता रथ को दिखाई हरी झंडी

भिण्ड 05जनवरी:-  साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। कभी परिचित बनकर कॉल करते हैं तो कभी मोबाइल हैक करने के लिए लिंक भेजते हैं। यहां तक कि पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी तक देते हैं। ऐसे अपराधों से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। यह बात भिंड एसपी डॉ. असित यादव ने शनिवार को कही। उन्होंने एसबीआई और पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाई।
एसपी ने कहा कि साइबर अपराधी काफी शातिर होते हैं। वे हर दिन नई चालाकियां अपनाकर लोगों को ठगते हैं। इनसे बचने का एकमात्र तरीका जागरूकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती, इसलिए अनजान नंबर से कॉल आने पर सतर्क रहें और किसी भी लालच में न फंसें। ठगी होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें साइबर सुरक्षा पर जागरूकता अभियान एसपी ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम में एसबीआई के मुख्य ब्रांच प्रबंधक विभांशु जैन ने कहा कि इंटरनेट का उपयोग सावधानी से करना चाहिए। आज अपराधी सोशल मीडिया हैकिंग, बार कोड फ्रॉड, फर्जी वेबसाइट्स और व्हाट्सएप हैकिंग जैसे माध्यमों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे खुद साइबर अपराध से सतर्क रहें और दूसरों को भी जागरूक करें। जागरूकता ही साइबर अपराध रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है। सतर्कता और सही जानकारी के जरिए ही इन अपराधियों से बचा जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान एसबीआई के डिप्टी मैनेजर विनोद देहरिया, शबनम राणा, आरआई अरविंद सिकरवार, यातायात प्रभारी राघवेंद्र भार्गव, कोतवाली टीआई प्रवीण सिंह चौहान और अन्य अधिकारियों ने साइबर सुरक्षा के उपायों पर चर्चा की।