भिण्ड, 07 दिसम्बर। एसडीएम लहार विजय सिंह यादव ने रौन में पल्स पोलियो अभियान की बैठक ली जिसमें संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि 8 से लेकर 10 दिसंबर तक पोलियो बूथों पर बच्चों को आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम एवं अन्य विभागीय अमले के द्वारा जागरूक करते हुए पोलियो की दो बूंदें पिलाई जाए, ताकि हम स्वस्थ भारत का निर्माण कर सके। इसके बाद एसडीएम लहार ने पैथोलॉजी एवं मेडिकल दुकानों का निरीक्षण किया।
जब एसडीएम पैथोलॉजी पर पहुंचे तो संचालकों में अफरा तफरी मच गई। एसडीएम ने शिवा पैथोलॉजी एवं ओझा पैथोलॉजी संचालकों से रजिस्ट्रेशन मांगे तो दोनों ही संचालक जगत सिंह झा एवं मुकेश कुमार जाटव रजिस्ट्रेशन उपलब्ध नहीं कर पाए। दोनों संचालकों से पूछे जाने पर जानकारी प्राप्त हुई कि दोनों ही दुकान लगभग दो वर्षों से अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं। दोनों ही लैबों के रजिस्टर इत्यादि को जप्त कर दुकान को सील कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान कुछ अन्य फर्जी पैथोलॉजी संचालक दुकान बंद कर भाग गए। एसडीएम ने कहा कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, आगामी दिनों में सभी फर्जीयों पर कार्रवाई होगी।
सरकारी डॉक्टर का लिखा हुआ पर्चा मिला
औझा पैथोलॉजी पर कार्रवाई के दौरान चौंकाने वाला मामला सामने आया। जब एक महिला वहां अपनी जांच रिपोर्ट लेने पहुंची और एसडीएम ने उसे पूछा कि किस डॉक्टर ने आपको यहां जांच करने के लिए निर्देशित किया है। तब महिला द्वारा बताया गया कि डॉक्टर शिवा राजावत द्वारा मुझे बोला गया कि सरकारी अस्पताल में जांच ठीक से नहीं होती है, इसलिए ओझा पैथोलॉजी पर जांच कराओ।
उक्त सरकारी डॉक्टर के विरुद्ध एसडीएम ने बीएमओ रौन को पत्र व्यवहार करने के लिए निर्देशित किया। एसडीएम ने सरकारी डॉक्टर के खिलाफ गंभीर कार्रवाई के लिए कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखने की बात कही।
क्या है पैथोलॉजी संचालन के नियम
पैथोलॉजी संचालन के लिए पैथोलॉजी संचालक का लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा होना अनिवार्य है। इसके अलावा पैथोलॉजी संचालन के लिए सीएमएचओ के द्वारा रजिस्ट्रेशन जारी किया जाता है एवं पैथोलॉजी पर पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर का होना अनिवार्य है, उसके हस्ताक्षर से ही रिपोर्ट जारी होगी। उक्त पूर्तियों के पश्चात ही कोई व्यक्ति पैथोलॉजी का संचालन कर सकता है।
कार्रवाई के लिए कलेक्टर को लिखेंगे पत्र
एसडीएम ने बताया कि जिन फर्जी संचालकों पर कार्रवाई की गई है, उनके विरुद्ध नियम अनुसार गंभीर कार्रवाई के लिए कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखा जाएगा ताकि संबंधित विभाग उक्त संचालकों पर नियम अनुसार कार्रवाई करें। कार्रवाई के दौरान तहसीलदार रौन श्रीनिवास शर्मा, बीएमओ लहार विजय शर्मा एवं बीएमओ रौन अनिल शर्मा एवं पटवारी उपस्थित रहे।