झांसी की रानी की वीरता और पराक्रम हमेशा लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे : सैंथिया

भिण्ड, 18 जून। भारत विकास पारिषद के अध्यक्ष कमलेश सैंथिया द्वारा शुक्रवार को रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शाखा के सदस्यों ने शौर्य की प्रतीक रानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर पुष्पांजली व दीप प्रज्ज्वलित करते हुए श्रद्धांजली दी।
परिषद के प्रांतीय संयोजक श्रवण पाठक ने झांसी की रानी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत के गौरवशाली इतिहास में जब-जब वीरांगनाओं का जिक्र किया जाएगा, महारानी लक्ष्मीबाई की वीरता और पराक्रम हमेशा लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे। कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी रचना ‘झांसी की रानीÓ में इसी पराक्रम का जिक्र करते हुए लिखा था- ‘खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी।Ó अंग्रेजी हुकूमत के दांत खट्टे करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की आज पुण्यतिथि है। 18 जून सन् 1858 को अंग्रेजों से मुकाबला करते हुए रानी लक्ष्मीबाई वीरगति को प्राप्त हुई थीं। हर साल 18 जून का दिन रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के रूप में उनके शौर्य की याद दिलाता है।
उपाध्यक्ष धीरज शुक्ला ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने उस दौर में अंग्रेजों को नाको चने चबवा दिए थे, जब युद्ध के लिए सिर्फ पुरुषों को योग्य माना जाता था। रानी लक्ष्मीबाई के युद्ध कौशल के साथ उनका मातृत्व धर्म भी इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। इसी क्रम में परिषद के सदस्यों ने अपने स्थाई प्रकल्प सिटी कोतवाली स्तिथ प्याऊ पर साफ सफाई भी की। कार्यक्रम में सचिव डॉ. साकार तिवारी, डॉ. हिमांशु बंसल, संजीव गुप्ता, अनिल शर्मा, शैलेन्द्र बाथम, रामवीर परिहार, चंद्रशेखर श्रीवास्तव सहित परिषद के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।