हजरत दादावली रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर जश्न-ए-गौसुलवरा संपन्न

भिण्ड, 26 अक्टूबर। अल्पसंख्यक एकता विकास परिषद भिण्ड द्वारा अटेर क्षेत्र के ग्राम रानी विरगवां मे प्राचीन काल की ऐतिहासिक दरगाह हजरत दादावली रेहमतुल्लाह अलैह की मजारे पाक पर गुजिस्तां साल की तरह इस वर्ष भी जश्न-ए-गोसुलवरा (11वीं शरीफ) के कार्यक्रम का आयोजन संपन्न हुआ।
इस जलसे में शिरकत करने वाले खुशूशी मेहमान जनाब सैय्यद रफीक अहमद मास्टर साहब भिण्ड व जनाब हाफिज असद भाई जामा मस्जिद भिण्ड ने अपने तकरीर मे कहा कि भारत वर्ष एक सूफी संतों का देश है। हमें इन संत सूफियों के बताए गए रास्ते पर चलकर इनके आचरण का अनुकरण करना चाहिए और आपसी मतभेदो को भुलाकर सर्व मानव समाज मे सदभावना, भाईचारा एवं एकता कायम करना चाहिए। दुराचरण का परित्याग कर सत्य मार्ग पर चलकर सतकर्म करें और रब चाही जिंदगी बसर करें, न कि मनचाही जिंदगी जिएं, ताकि अपने मालिक दो जहां अल्लाह पाक (ईश्वर) की रजामंदी फैज हासिल हो सके।
पूर्व परांपरा के अनुसार दरगाह दादावली पर चादर पोशी की गई, कुरान ख्वानी की तिलावत, फातिहा ख्वानी की रस्म अदा की गई और ग्यारहवी शरीफ का लंगर तकसीम किया गया। हिन्दू-मुस्लिम सर्वसमाज के श्रद्धालुओं ने बडे हर्षोल्लास के साथ जश्न-ए-गोसुलवरा कार्यक्रम में बढ-चढकर भागीदारी कर हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा सदभाव एकता का परिचय देकर भिण्ड जिले मे एक मिशाल कायम की जो सराहनीय है। कार्यक्रम में अल्पसंख्यक एकता विकास परिषद के अध्यक्ष इरशाद अहमद, कार्यक्रम संयोजक असलम वारसी भिण्ड, हाजी बाबू खान, बाबा करामत अली मलंग, मौसम अली, जफर खान, शहाबुद्दीन खान, छोटे खान, सुनील मिर्जा, सिद्दार खान, रहमान खान मंसूरी, रमजारी शाह, शकील खान, भारत सिंह रावत, पंकज त्रिपाठी, भागीरथ सिंह कुशवाह, विनय कुमार सक्सैना, रामसिया आदि एवं ग्राम रानी विरगवां के तमाम लोग सम्मिलित हुए।