भिण्ड, 22 अक्टूबर। जिले के दंदरौआ धाम में मंगलवार को तमाम श्रद्धालुओं ने डॉक्टर हनुमान के दर्शन कर महंत महामंडलेश्वर रामदास महाराज से आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर रामदास महाराज ने कहा कि मनुष्य का जीवन बिना सत्संग के नहीं चल सकता हैं। सत्संग से हमें धर्म पर चलने की प्रेरणा मिलती है। पिता की आज्ञा का पालन करने से मनुष्य को धर्म की प्राप्ति होती है। संसार में सबसे बडी पूजा माता-पिता की सेवा ही है। इसलिए ईश्वर के इस उपहार को हमें ठुकराना नहीं चाहिए, साथ ही मर्यादा के विपरीत आचरण करने वाले लोगों का तत्काल त्याग कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कार विलुप्तता के कगार में पहुंच गए हैं और पाश्चात्य सभ्यता ने पांव पसार लिया है। पूर्व काल में जिन माता-पिता को भगवान मान कर पूजन किया जाता था, आज उन्हीं को बच्चे बोझ समझने लगे हैं। जैसे ही माता-पिता बुजुर्ग होते हैं, बच्चे उनकी सेवा करने की बजाय वृद्धाश्रम में डाल देते हैं। माता-पिता ही भगवान हैं। इस मौके पर प्राचार्य भोलाराम शास्त्री, रामनिहोर जोशी, आचार्य अम्बरीष शर्मा, जलज त्रिपाठी, नरसी दद्दा सहित अनेक श्रद्धालु रहे।