– जलबिहार महोत्सव गोरमी में अभा कवि सम्मेलन आयोजित
भिण्ड, 18 सितम्बर। नगर परिषद गोरमी भिण्ड द्वारा जलविहार महोत्सव में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में वर्षा की जलधार के साथ-साथ कविता की रसधार भी पूरे वेग से बहती रही। मंच की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अनिल जैन गोरमी और संयोजन अमित त्रिपाठी निराला ने किया। इसका कुशल संचालन शशिकांत यादव देवास ने किया। हास्य रस के पुरोधा अशोक नागर शाजापुर, व्यंग्य कवि मंजुल मयंक फिरोजाबाद, डॉ. सुनील त्रिपाठी भिण्ड, श्रृंगार रस की कवयित्री सीमा पुंडीर एटा, राजस्थान के प्रसिद्ध पैरोडीकार हास्य कवि जय सारस्वत भरतपुर, हास्य कवि हरीबाबू शर्मा मिहोना ने काव्यपाठ किया। जैसे-जैसे रात भीगती गई, वर्षा बढती गई, वैसे-वैसे कवि सम्मेलन पूरे शबाब पर आता गया।
इसके पहले नगर परिषद की सांस्कृतिक समिति के संयोजक विकास थापक पार्षद, डॉ. संतोष तिवारी, पार्षद ओंकार सिंह, नगर परिषद उपाध्यक्ष नहने यादव सहित समस्त पार्षदों ने कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। नगर परिषद की अध्यक्ष पुष्पा माहेश्वरी जाटव ने कवियों का स्वागत भाषण के साथ सम्मान किया और पूरे समय मंच पर उपस्थित रहकर कविताओं को सुना। इस अवसर पर गोरमी के प्रबुद्धजन, परिषद के सभी पदाधिकारी व पार्षदगण, राजनेता सुभाष थापक आदि उपस्थित रहे।
सीमा पुंढीर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत पढी। जय सारस्वत ने कहा कि रार करवेगी रे छोरी, रार करावेगी। राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित साहित्यकार डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला ने अपनी सदाबहार कविता- बारे दद्दा बारे दद्दा बा बा रे दद्दा। फटी फटाई दरी कल्ल तक और आज गद्दा। बारे दद्दा। सुनाकर समां बांध दिया। अशोक नागर की हास्य एक्सप्रेस धडधडाती हुई चली, लडकी की शादी 18 साल में और लडके की 21 में होती है अर्थात लडकी में लडके की अपेक्षा तीन साल पहले अक्ल आ जाती है। शशिकांत यादव ने राष्ट्र जागरण का अवधारणा को स्वर देते हुए कहा- पप्पू से किसानों ने कहा कि बारिश फसल नष्ट हो गई। पप्पू बोला कि खुले में क्यों बोई थी।