गुरू अपने शिष्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं : बरुआ

– भारत विकास परिषद के गुरूवंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम का शुभारंभ

भिण्ड, 09 सितम्बर। बच्चो में संस्कारों को जीवित रखने का कार्य भारत विकास परिषद इस अपने प्रकल्प गुरूवंदन छात्र अभिनंदन के माध्यम से कर रहा है। गुरू का हमारे समाज की महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है, वे शिष्य के जीवन में प्रभावी प्रेरणा स्त्रोत हैं और उन्हें ज्ञान और संस्कार देते हैं। गुरू अपने शिष्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उन्हें नई सोच और दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। एक अच्छे गुरु का महत्वपूर्ण कार्य होता है बाल विकास, शिक्षा के माध्यम से समाज के साथियों का निर्माण करना और राष्ट्रीय निर्माण में मदद करना। गुरू के दिए संस्कार शिष्य को आगे बढने में मददगार साबित होते हैं। यह बात भारत विकास परिषद शाखा भिण्ड द्वारा सरस्वती शिशु मन्दिर भिण्ड में आयोजित गुरूवंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एडवोकेट आनंद बरुआ ने कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रेम शर्मा ने कहा कि परिषद के जो पंच प्रण उसकी आत्मा है। संस्कारों को सहेजन की आवश्यकता है, आज संस्कारों के अभाव में बिखरते परिवारों पर मार्गदर्शित किया। एक अच्छे गुरू का महत्वपूर्ण कार्य होता है बाल विकास, शिक्षा के माध्यम से समाज के साथियों का निर्माण करना साथ ही बच्चों को अपने माता-पिता एवं गुरुओं के सम्मान करने हेतु विभिन्न कहानी के माध्यम से मार्गदर्शित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती, भारत माता एवं विवेकानंद जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर किया। जिसके उपरांत शाखा अध्यक्ष कमलेश सैंथिया ने भारत विकास परिषद के पांच सूत्र- संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा, समर्पण पर प्रकाश डालते हुए सभी को परिषद की परिकल्पना, कार्यों एवं गुरूबंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम के वारे में अवगत कराया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को शाखा उपाध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा द्वारा गुरूवंदन छात्र अभिनंदन अंतर्गत सामूहिक रूप से सदाचार व गुरुओं के सम्मान की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम का संचालन शाखा सचिव राजमणि शर्मा एवं आभार प्रदर्शन जयदीप सिंह राजावत ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय परिवार से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को उपस्थित अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र व मैडल से सम्मानित किया गया। साथ ही आगामी शिक्षक सम्मान हेतु विद्यालय परिवार से शिक्षक मनीष श्रीवास्तव, श्रीमती हेमलता मॉरल को नामांकित कर माला एवं श्रीफल से तथा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय गान के उपरांत कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष वीरेन्द्र जोशी, शिक्षक, शिक्षकाओं सहित एक सैकडा से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।