भिण्ड, 10 अगस्त। मध्य प्रदेश सरकार एक और बेरोजगारी दूर करने के लिए उद्योग क्षेत्र को बढावा देकर बेरोजगारों को रोजगार देने पर पुरजोर कोशिश कर रही है। परंतु उद्योग क्षेत्र मालनपुर में संचालित उद्योग इकाईयों में अपनी रोजी-रोटी कमाने वाले कामगारों को नौकरी से निकले जाने का काम फैक्ट्री प्रबंधन एवं फैक्ट्री मालिक कर रहे हैं। मजदूरों को कंपनी से निकलने का नया तरीका अपनाया जा रहा है, माह का वेतन भी पूरा नहीं दिया जा रहा है। मजदूरों ने नाम न छापने पर बताया कि हम लोग गरीब आदमी जब कभी काम फैक्ट्री में मिल जाता है, वह भी नहीं मिलेगा।
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि उद्योग क्षेत्र मालनपुर की उद्योग इकाई बीआरएस फूड्स पारस डेरी के नाम से संचालित इकाई जो पारस घी, मिल्क पाउडर बनाने का काम करती है। इसमें लगभग 350 कर्मचारी काम करते थे। परंतु आज 150 कर्मचारी मात्रा काम करते हैं। सब स्टाफ मिलकर जिसमें ठेकेदारी के कर्मचारी थे। आज यह स्थिति बनी तो दिखाई दे रही कि इस कंपनी के कर्मचारी कामगार दूसरी कंपनी में जाने लगे हैं।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने पर बताया कि कंपनी के प्रबंधक माह का वेतन भी आधा दे रहे हैं। 26 ड्यूटी, चार रविवार छुट्टी के साथ 30 दिन का वेतन 15 दिन का जुलाई माह 2024 में दिया गया है। जिसमें गरीब मजदूर मकान किराया, बच्चों की पढाई, बढती महंगाई में राशन आदि का खर्चा करने में परेशानी उठाना पड रही है। इस पारस की कंपनी में चार प्रबंधकों को पूरा वेतन मान दिया गया, परंतु गरीब छोटे कर्मचारियों को वेतन न देना और कंपनी को जबरन छोडने निकालने की कार्रवाई कंपनी प्रबंधकों और मालिकों द्वारा की जा रही है। कंपनी के मजदूरों ने बताया कि यह वेतन न देना काम पर ना लगाना यह इनका नया फण्डा चालू कर दिया है, जहां पर 350 कर्मचारी काम करते थे वहां मात्र 150 कर्मचारी काम पर रह गए हैं।
उद्योग क्षेत्र मालनपुर के मजदूर संगठनों ने मप्र शासन से मांग की है कि एक और बेरोजगारी दूर करने का प्रयास करती है, सरकार दूसरी ओर प्रबंधकों द्वारा लगे हुए श्रमिकों को रोजगार से वंचित कर रही है, सरकार से अपेक्षा है कि ऐसे प्रबंधक व मालिकों पर अंकुश लगाकर गरीब बेरोजगार मजदूरों को रोजगार मुईया करने का प्रयत्न कर मजदूरों को समय पर समूचा वेतन दिलाया जाए। इस संबंध में कर्मचारी प्रबंधन बीआरएस फूड पारस घी चमनलाल से बात की तो बताया कि कर्मचारी कंपनी से अपनी इच्छा से जा रहे हैं, मजदूरों के वेतन न मिलने पर चुप्पी साध ली, प्रति वर्ष गर्मी के तीन चार माह दूध नहीं मिलता, जहां तीन-चार लाख लीटर दूध प्राप्त होता था वहां 150 लीटर दूध मिल पा रहा है, इसमें भी लैब में रिएक्ट हो जाता है, इस कारण कंपनी में काम पूर्ण रूप से नहीं चल पा रहा है, इसलिए मजदूरों को रोक रखा है, ठेकेदारों की लेबर को भी रोक रखा है इसलिए यह संकट आ पडा है।
मुकेश मेंव फरोस एचआर मैनेजर बीआरएस फूड्स पारस कंपनी मालनपुर की जानकारी पत्रकारों को पता चलते ही कंपनी अधिकारियों ने आनन-फानन में नोटिस चस्पा कर जितेन्द्र सिंह विधि अधिकारी ने बताया कि हमने पांच अगस्त 2024 को यह नोटिस चस्पा किया गया कि सॉफ्टवेयर में आई तकनीकी खराबी से पेमेंट पूरा नहीं पहुंच सका है, तकनीकी सही होने के बाद सभी लोगों को पेमेंट सुचारू रूप से पहुंच जाएगा।
इनका कहना है-
हमने पांच अगस्त को यह नोटिस चस्पा किया है कि सॉफ्टवेयर में आई तकनीकी खराबी से पेमेंट पूरा नहीं पहुंच सका है, तकनीक सही होने के बाद सभी लोगों का पेमेंट सुचारू रूप से पहुंच जाएगा।
जितेन्द्र सिंह, वीआरएस फूड (पारस) कंपनी लिमिटेड मालनपुर