सागर, 10 अगस्त। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला सागर सुश्री रीना शर्मा की अदालत ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से परीक्षा में सम्मिलित होने वाले आरोपीगण रमेश सिंह एवं आदेश कुमार यादव को दोषी करार देते हुए धारा 420/34 भादंवि के तहत तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 419/34 के तहत तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मनोज पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि 18 जुलाई 2016 को आयोजित आरक्षक संवर्ग भर्ती परीक्षा 2016 की दूसरी पारी में मुख्य गेट पर प्रवेश के दौरान वेरीफिकेशन डेस्क पर फोटो/ पहचान पत्र का मिलान करने पर एक उम्मीदवार पर शक हुआ तो उससे पूछे जाने पर वह सही जवाब नहीं दे पाया तथा उक्त दस्तावेज लिए हुए व्यक्ति से फोटो/ पहचान पत्र का मिलान करने पर फर्जी उम्मीदवार पाया गया, जिसने अपना नाम रमेश पुत्र रामअयोध्या सिंह राजपूत निवासी भोजपुर, बिहार का रहने वाला तथा उम्मीदवार आदेश कुमार पुत्र प्रमोद कुमार निवासी फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के स्थान पर परीक्षा देने हेतु परीक्षा केन्द्र बीटीआईआरटी सिरौंजा, सागर पर आना बताया था। अभियुक्त रमेश कुमार द्वारा अभियुक्त आदेश कुमार को नौकरी का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से यह कार्य किया गया है। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सिविल लाइन पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 420, 419, 34 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला सागर सुश्री रीना शर्मा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।