बोर्ड परीक्षा के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों के दुरुपयोग पर लगाई रोक

भिण्ड, 24 जनवरी। माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री वाषिक परीक्षाएं पांच फरवरी से प्रारंभ हो रही हैं। इस दौरान कुछ व्यक्तियों या समूह द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रो का दुरुपयोग कर बहुत अधिक तीब्रता से बजाए जाने की संभावनों को दृष्टिगत जिला दण्डाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
लोक परिशांति बनाए रखने तथा विद्यार्थियों को परीक्षा तैयारियों हेतु शांति पूर्ण वातावरण प्रदान करने हेतु मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण विनमयन एवं नियंत्रण नियम 2000 के तहत तत्काल प्रभाव से परीक्षा समाप्ति की अवधि के लिए आदेश दिए जाते हैं कि कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे लाउड स्पीकर, डेक, डीजे इत्यादि का उपयोग किसी सभा, सम्मेलन, जलूस, कार्यक्रम, जलसा या चलित वाहन इत्यादि में नहीं करेगा।
उक्त आदेश का उलंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। चूंकि यह आदेश तत्काल रूप से प्रसारित किया जाना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में सभी संबंधित व्यक्तियों को सुना जाना संभव नहीं है। इसलिए यह आदेश एक पक्षीय रूप से जारी किया जाता है। संबधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी जिला भिण्ड अपरिहार्य परिस्थितियों में सुबह छह बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारकों के 1/4 वॉल्यूम में (ध्वनि स्तर परिवेशी ध्वनि 10 डेसीबल से अनधिक) पर अनुमति दे सकेंगे । माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का पूर्ण रूपेण प्रतिबंधित रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने की दशा में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा परीक्षा अधिनियम 1937 एवं अन्य अधिनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश भिण्ड जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर परीक्षा समाप्ति होने तक प्रभावी रहेगा।