शिक्षा पाने का अधिकार सभी को, नि:शुल्क मिले शिक्षा : मरियम ढवले

गोहद में विभिन्न जनसंगठनों ने मनाई सावित्रीबाई फुले की जयंती

भिण्ड, 05 जनवरी। महाराष्ट्र के सतारा जिले के नया गांव में एक अनुसूचित जाति परिवार में जन्मी भारत की प्रथम शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले ज्योतिबा फुले की पत्नी के रूप में नहीं, बल्कि एक साथी के रूप में कार्य को अंजाम देती रहीं। सावित्रीबाई फुले अंधविश्वास, रूढिवादी प्रथा, पाखण्डवाद के खिलाफ न सिर्फ लडीं, बल्कि सामंतों, मनु वादियों से उन्होंने जमकर लोहा लिया और अपना पूरा जीवन सामाजिक न्याय के लिए दावों पर लगाया। यह बात बतौर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय महासचिव मरियम ढवले ने माता सावित्रीबाई फुले जयंती के अवसर पर गोहद श्याम वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस मौके पर राजेश शर्मा, शोभा माहौर, देवी जाटव, गुड्डीबाई माहौर, पूर्व सरपंच हरनारायण कुशवाह झांकरी, रामदास माहौर, मेहताब सिंह गुर्जर, आबिद अली, नाथूराम माहौर, भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, सोवरन कुशवाह नारायण शर्मा मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन कबीर आश्रम निर्माण समिति गोहद चौराहा के संयोजक लालाराम माहौर ने किया।
मुख्य अतिथि मरियम ढवले ने सावित्रीबाई फुले के योगदान को मूल्यवान बताते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए अपना सर्वत्र जीवन न्योछावर किया तथा लडकियों के लिए स्कूल खोले, सती प्रथा का विरोध किया, विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया और माता सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले के अरमानों को साकार करने के लिए एक अभियान के रूप में जुटी रहीं। उन्होंने गैर बराबरी, बाल विवाह रोकने के लिए काफी संघर्ष किया और मनुवाद से मुकाबला किया। मरियम ने सरकारी किताबों में साबित्रीबाई को पढाने की बात करते हुए उनके अधूरे सपनों को साकार करने के संकल्प के साथ अपनी बात समाप्त की।
सावित्रीबाई फुले की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रदेश महासचिव प्रीतिसिंह, पूर्व नपा अध्यक्ष गोहद प्रेम नारायण माहौर, रामस्वरूप कुशवाहा एडवोकेट, ओबीसी महासभा से धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह, विश्वजीत रतोनिया, कोली समाज समिति गोहद के अध्यक्ष बीडी माहौर, विद्यालयीन शिक्षक संघ से पुरुषोत्तम श्रीवास, गोहद के पार्षद शैलेन्द्र सिंह गुर्जर, पूर्व सरपंच मोहन सिंह कुशवाह, पिछडा वर्ग नेता महेश सिंह गुर्जर, संत शंकरदास बाबा, मुस्लिम अधिकार मंच से रशीद खान, दलित शोषण मुक्ति मंच के हरगोविन्द जाटव, किसान सभा से वीरेन्द्र कुशवाह आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में ओपी बाथम, देवाराम कुशवाहा, जयराम कुशवाहा, नंदराम कुशवाहा, आसाराम कुशवाहा, रामदास कुशवाह, राजेन्द्र माहौर, उदय सिंह श्रीवास, आसाराम माहौर, जयसिंह माहौर, राकेश प्रजापति, नारायण माहौर, हरिविलास माहौर, रामनेश माहौर, हरीशंकर माहौर, श्रीलाल माहौर, सुनील माहौर, हेतराम माहौर, त्रिवेणी कुशवाह, मुन्नीबाई बाथम, लोकेन्द्र माहौर, फरमान खां, रिजवान अली, प्रहलाद कुशवाहा सुज्जेपुरा, रमेश कुशवाह, कन्हैया माहौर गंगापुरा, लायकराम कुशवाह पिपाडा, कप्तान सिंह कुशवाह छरेंटा, शिवनारायण इटायदा भगवान सिंह नीरपुरा, ओमप्रकाश, जयराम कुशवाह कनीपुरा, मानसिंह ऐंचाया, विन्द्रावन कुशवाह बरथरा जगदीश चम्हेडी, सियाराम, बहादुर सिंह कुशवाह छीमका, लाखन सिंह कुशवाह, मुकेश कुशवाह एलआईसी, लक्ष्मण कुशवाहा सहित भारी संख्या में महिलाएं एवं पुरुष, नौजवान उपस्थित रहे।