भिण्ड, 22 दिसम्बर। ज्ञान वर्धन सेवा समिति आलमपुर द्वारा राजवाडे के अंदर आयोजित रामलीला के दौरान मामा मारीच के सोने का हिरण बनकर वन में विचरण करने और रावण द्वारा सीता हरण की लीला का सजीव मार्मिक मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो गए।
बहन सूपनखा के नाक काटने का बदला लेने के लिए लंकापति रावण ने माता सीता का हरण करने की योजना बनाई। इसके लिए उसने प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को सीताजी से दूर करने के लिए मायावी मामा मारीच से स्वर्ण का मृग बनकर बन में पंचवटी के बाहर विचरण करने को कहा। मामा मारीच सोने का हिरण बनकर वन में प्रभु श्रीराम माता जानकी की कुटिया के सामने घूमने लगा। स्वर्ण मृग को देख माता सीता उसकी खाल को लाने के लिए भगवान श्रीराम से हठ करने लगी। जिस पर प्रभु श्रीराम ने अनुज लक्ष्मण को सीताजी को छोड कर कहीं न जाने की कह कर उक्त मृग को मारकर खाल लाने के लिए जाते हैं। जहां काफी देर के बाद उन्होंने हिरण को अपने बाणों से मार डाला। योजना के अनुसार प्राण त्यागने से पूर्व मायावी मारीच ने हाय लक्ष्मण की आवाज लगाई। काफी देर होने के बाद बेचैन माता सीता ने यह आवाज सुनी तो उन्होंने लक्ष्मण से कहा कि लगता है भैया राम किसी संकट में है और लक्ष्मण को बचाव में जाने के लिए जिद करने लगी। जिस पर लक्ष्मण ने माता जानकी की रक्षा हेतु चारों ओर रेखा खींचकर उससे बाहर न आने की कहकर प्रभु राम की खोज में जंगल की ओर निकल पडे। माता जानकी को अकेले देख रावण साधु का वेश धारण कर उनसे भिक्षा मांगने पहुंचता है और वहां लक्ष्मण रेखा को देख चालाकी वश माता से रेखा के बाहर आकर भिक्षा देने को कहता है। जैसे ही माता सीता लक्ष्मण रेखा के बाहर आकर भिक्षा देती हैं। तो रावण माता सीता का हरण कर आकाश मार्ग से लंका ले जाता है। रामलीला में श्रीराम- सुदीप चौधरी, लक्ष्मण- विष्णु कौरव, सीता-विनोद परिहार, रावण- महेश चन्द्र कौरव सहित अन्य कलाकारों द्वारा शानदार अभिनय किया जा रहा है।