सागर, 22 दिसम्बर। तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिग बालिका को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त शिवा यादव को धारा 366 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास के लिए क्षतिपूर्ति हेतु युक्तियुक्त प्रतिकर चार लाख रुपए दिलाए जाने का आदेश भी पारित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता के भाई) ने थाना राहतगढ में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि तीन अप्रैल 2022 को सुबह उसकी बहन घर पर नहीं दिखी तो उसकी तलाश घर में सभी जगह की तथा उसे घर के आस-पास देखा, लेकिन पीडिता नहीं मिली। सभी को लगा कि मन्दिर गई होगी तो बालिका का इंतजार किया, लेकिन पीडिता नहीं आई। अभियुक्त शिवा यादव द्वारा बालिका को बहला-फुसलाकर भगा कर ले जाने की शंका व्यक्त की। 28 अप्रैल को पीडिता के दस्तयाव होने पर उसके कथन लेखबद्ध किए गए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना राहतगढ पुलिस ने धारा 366ए, 376(1), 376(2)(एन) भादंसं एवं पॉक्सों एक्ट की धारा 3/4, 5/6 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।