सडक किनारे बेतरतीब वाहन पार्किंग और हाथ ठेलों की वजह से लगता है जाम
भिण्ड, 19 दिसम्बर। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में हाइवे किनारे मुख्य मार्ग पर ही पूरा बाजार लगता है, जिस कारण हाइवे पर सुबह से शाम तक गुजरने वाले वाहनों को परेशानियों का सामना करना पडता है। सुबह से शाम तक कई बार जाम लगने से वाहनों को खडा रहना पडता है, वहीं जाम की वजह से पैदल आवाजाही करने वालों की दिक्कतें भी कम नहीं हैं, कई बार मरीज लेकर ग्वालियर जाते समय आपातकालीन 108 एम्बुलेंस वाहन को भी इस जाम में इंतजार करना पडता है। रोजाना जाम लगने की मुख्य वजह हाइवे किनारे बाजार का होना वहीं खरीददारी करने वाले बेतरतीब तरीके से अपने वाहनों को सडक किनारे पार्किग करना, वहीं लोकल ऑटो रिक्शों का भी बेतरतीब खडे होना, इसके अलावा दुकानदारों द्वारा सडक किनारे अपना सामान रखना वहीं हाथ ठेले दुकानदारों द्वारा सडक किनारे अपना बाजार सजा लेना है।
जाम के हालात स्थानीय पुलिस व्यवस्था को दिखा रहे ठेंगा
कस्बे में हाथ ठेलों का जमाबडा और जगह-जगह जमाए गए अवैध कब्जे राहगीरों के साथ-साथ दो पहिया वाहन चालकों के लिए भी सिरदर्द साबित हो रहे हैं। बाजार में हाथ ठेलों की भरमार और जगह-जगह मौजूद अतिक्रमण ने पैदल चलने वाले राहगीरों का निकलना तक दूभर कर दिया है, चार पहिया वाहनों की बात तो दूर है, दो पहिया वाहन चालक भी आए दिन जाम में फसकर स्थानीय व्यवस्था को कोस रहे हैं। चौराहों पर हाथ ठेलों से व्यवसाय करने वाले लोगों की तादात इतनी बढ चुकी है कि अब इन स्थानों पर आए दिन जाम के हालात स्थानीय पुलिस व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं। कस्बे में जगह-जगह मौजूद हाथ ठेलों की व्यवस्था से समूचे कस्बे में अव्यवस्था फैल चुकी है। यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है।
समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही पुलिस और नगर परिषद
स्थानीय लोगों का कहना है कि यातायात व्यवस्था सुधारने को पुलिस कतई गंभीर नहीं है, वाहन चालक इतने निडर हो गए हैं कि हाईवे पर जहां-तहां वाहन खडे कर घण्टों नदारद रहते हैं। स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि पुलिस कडाई बरते तो लोगों को दिक्कत नहीं हो। वहीं लोगों का कहना है कि मालनपुर को औद्योगिक क्षेत्र कहा जाता है कई कंपनियां यहां कार्य कर रही हैं, लेकिन बाजार के लिए कोई सुनिश्चित जगह नहीं हैख् जिससे हाइवे किनारे को छोडकर अलग मार्केट बनाई जा सके, नगर परिषद अधिकारियों द्वारा बाजार के बारे में आज तक सोचा नहीं गया न ही आज तक कोई योजना तैयार की गई है। हर किसी का अपना लालच है। कोई अपनी दुकान फैलाने के लिए अतिक्रमण कर रहा है, तो कोई वसूली के लिए इसे संरक्षण दे रहा है। सिक्के के दोनों पहलूओं को देखने के साथ जिम्मेदार अधिकारियों को अपना दायित्व निभाने की आवश्यकता है। अतिक्रमण इतनी बडी समस्या नहीं है, जितनी बडी यह अधिकारियों की शिथिलता के कारण हो गई है।
इनका कहना है-
बहुत जल्द हम योजना तैयार करके आए दिन लगने वाले जाम की मुसीबत से जल्द निजात दिलवाएंगे।
रायश्री मुकेश किरार, अध्यक्ष, नगर परिषद मालनपुर