औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में सडक के गड्ढे देख उड रहे होश

श्रमिकों व क्षेत्रवासियों को बना रहता है हादसे का डर

भिण्ड, 11 दिसम्बर। शासन-प्रशासन सडकों को गड्ढा मुक्त करने के लिए भले ही लाख दावे करे, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में सडके बदहाल हैं। सरकार के गड्ढा मुक्त सडक अभियान का असर यहां दिखाई नहीं दे रहा है। औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सडके ही बदहाली के आंसू बहा रही हैं। मुख्य सडक में ही छोटे से बडे कई अनगिनत गड्ढे हैं, यहां से भारी वाहनों का आना-जाना बना रहता है, जिस कारण उनके गुजरते समय हादसे का डर बना रहता है।
वैसे तो उद्योग क्षेत्र मालनपुर में कई बार सडक उखड चुकी है। कमीशन खोरी के चक्कर में बार-बार सडके बनती है और उखड जाती है। जिस कारण उद्यमियों को कई साल बदहाल गड्ढे वाली सडकों से जूझना पडता है। नगर की इंडस्ट्री एरिया मालनपुर में श्रीराम धर्मकांटा से लेकर क्रॉम्पटन, कुइया से लेकर फूड विभाग, एमजीआई से लेकर कैडबरी फैक्ट्री तक जाने वाली मुख्य सडकों से गुजर कर जाना किसी जोखिम से कम नहीं है। दो पहिया तीन पहिया वाहन चालकों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पडता है। कई बार इन मार्गों पर दो पहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो चुके हैं। क्षेत्र वासियों के मुताबिक इस मार्ग के निर्माण के लिए कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कहा जा चुका है। इसके बाद भी सडक के गड्ढे नहीं भर पा रहे हैं। कई महीने से सडक बदहाली के आंसू बहा रही है। औद्योगिक क्षेत्र में तमाम श्रमिकों का काम करने के लिए आना-जाना रोजाना बना रहता है। ऐसे में चोटिल होने का खतरा बना रहता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईडीसी द्वारा पूर्व में रोड के लिए 33 करोड रुपए का टेंडर हुआ था। जिसका अभी गारंटी पीरियड भी पूरा नहीं हुआ है और कई जगह रोड उखड कर गड्ढों में तब्दील होती जा रही है। ऐसा लगता है कि कुछ प्रशासनिक अधिकारी और ठेकेदारों द्वारा मिलने वाली कमीशन के चक्कर में रोड का बट्टा लग रहा है। टेंडर होते ही रोड आगे आगे बनती जाती है और पीछे-पीछे उखडती जाती है। बडी-बडी गाडियों में सवार अधिकारी और नेता गुजर जाते हैं, लेकिन सडक के गड्ढों को अनदेखा कर देते हैं। लगभग साल भर से लोग इन गड्ढों से परेशान हैं, लेकिन सडक पर किसी प्रकार का कोई कार्य नहीं किया जा रहा। क्षेत्र वासियों के मुताबिक इस मार्ग के निर्माण के लिए कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कहा जा चुका है। इसके बाद भी सडक के गड्ढे नहीं भर पा रहे हैं। कई महीनों से सडक बदहाली के आंसू बहा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र की सडके चमाचम होनी चाहिए। लेकिन यहां तो औद्योगिक क्षेत्र की सडक ही बदहाल है, सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए।

इनका कहना है-

इसके लिए टेण्डर हो चुका है, लेकिन आचार संहिता लग जाने के कारण काम शुरू नहीं हुआ था। अब आचार संहिता हटते ही काम शुरू हो चुका है। अब आगे सभी कार्य होंगे। यह टेंडर 80 लाख रुपए का भोपाल से हुआ है।
संजय शर्मा, इंजीनियर आईआईडीसी