रासेयो शिविर के दूसरे दिन दी बाल संरक्षण से संबंधित जानकारियां
भिण्ड, 10 दिसम्बर। शा. महाविद्यालय मेहगांव की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय इकाई शिविर का द्वितीय दिवस परियोजना कार्य के अंतर्गत गोद ग्राम कन्हरी में आयोजित किया गया।
शिविर के दौरान ग्राम कन्हारी में हमारे मौलिक अधिकार एवं बाल संरक्षण से संबंधित जन जागरुकता रैली में बाल श्रम अपराध है, जिसका जिम्मेदार समाज है। बाल श्रम हटाना है, बच्चों को पढना है आदि नारे लगाकर ग्रामीण लोगों को बाल संरक्षण एवं बालक बालिकाओं की शिक्षा के लिए जागरुक करते हुए बताया कि व्यक्तित्व विकास और समाज की उन्नति के लिए शिक्षित होना आज के दौर की प्रथम आवश्यकता होती जा रही है।
बौद्धिक सत्र में मुख्य अतिथि एमजेएस महाविद्यालय भिण्ड की प्राध्यापक डॉ. कमला नरवरिया ने सरस्वती पूजन कर अपने उदबोधन में मौलिक अधिकार एवं बाल संरक्षण के प्रति अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे संविधान ने प्रत्येक नागरिक को छह मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं। 14 वर्ष से कम आयु के बालक बालिकाओं से श्रम करना अपराध की श्रेणी में आता है। बाल विवाह करना भी बाल अपराध माना जाता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित किया और प्रत्येक भारतीय नागरिक को 11 मूल कर्तव्यों का निर्वहन करना हम सब का दायित्व बनता है। कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरके डबरिया के मार्गदर्शन में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गिरिजा नरवरिया द्वारा सात दिवसीय इकाई शिविर आयोजित किया जा रहा है। महाविद्यालय से डॉ. साधना, डॉ. रेखा सुमन, डॉ. हर्षद मिश्रा, प्रो. आलोक मिश्रा, प्रो. सुनील बंसल, प्रो. पुरुषोत्तम सिंह तोमर, प्रो. शिव प्रकाश नरवरिया, प्रो. वंदना, प्रो. दुर्गेश गुप्ता, प्रो. अंबुजा गुप्ता, प्रो. राधाकृष्ण शर्मा आदि समस्त स्टाफ एवं आधा सैकडा स्वयं सेविकाओं ने कार्यक्रम में सहभागिता कर अपना योगदान दिया।