फूफ नगर में चल रही श्रीमद् भागतव कथा
भिण्ड, 24 नवम्बर। फूफ नगर के वार्ड 14 में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन प्रशांत शास्त्री महाराज ने भगवान के 24 अवतारों की कथा का वर्णन करते हुए समुद्र मंथन प्रसंग का वर्णन किया।
उन्होंने बताया कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां 84 लाख योनियों के रूप में भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल खिले हैं, जब-जब कोई अपने गलत कुकर्मों द्वारा इस बगीचा रूपी संसार से छेडखानी करने की चेष्टा करता है। तब स्वयं नारायण इस धरा पर अवतार लेकर उन कुकर्मियों का सर्वनाश और भक्तों का उद्धार करने के लिए अवतरित होते हैं। उन्होंने बताया कि वैसे तो भगवान ने सबको स्वतंत्र रखा है और जो इस धरा पर जिस तरह के कर्म करता है उसको इसी धारा पर उन कर्मों का फल भिन्न-भिन्न हनी और लाभ उठाकर भोगना पडता है। इसलिए मनुष्य को सदैव भगवत द्वारा निर्मित इस बगीचे में गलत कार्य और कुकर्मों से दूरियां बनाकर भगवत स्मरण करते हुए सच्चे और अच्छे कार्यों में अपनी रुचि दिखाना चाहिए। जिससे भगवान की कृपा हमेशा जीवन में बनी रहे और तुम्हारा कोई अहित न हो सके।