सागर, 03 अक्टूबर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने बालिका के साथ छेडखानी करने वाले एवं उसकी मां के साथ डण्डे से मारपीट करने वाले अभियुक्त आदिल राइन को दोषी करार देते हुए धारा 354(ंए)(आइआई) भादंवि के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 325 भादंवि में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायत कर्ता (पीडिता की मां) ने सूचना दिए जाने पर देहाती नालसी इस आशय की लेख कराई कि वह 14 जुलाई 2021 को रात करीब 9:30 बजे काम से आने पर घर पहुंची थी तो उसकी बेटी (पीडिता) उसके पास आकर रोने लगी, उसने कारण पूछा तो बेटी ने बताया कि शाम को जब वह घर के बाहर खडी थी तो अभियुक्त आदिल उसे आंख मारकर गंदे-गंदे इशारे करने लगा, वह जब भी कहीं आती-जाती है तो आरोपी उसका पीछा करता है व जबरदस्ती बात करने की कोशिश करता है। तो पीडिता की मां आदिल के घर शिकायत करने गई, किंतु आदिल उसे घर के बाहर ही मिल गया, तब उसने आरोपी से कहा कि वह बेटी को क्यों छेडता है तो आरोपी आदिल ने डंडा उठाया और गाली देते हुए बोला शिकायत करने आई है और डंडे से उसे मारपीट करना शुरू कर दिया। उसे आदिल ने चार-पांच बार डंडे से मारा, जिससे उसके सिर, गर्दन, बांए हाथ की कलाई व कमर में चोट आई थी, सिर से खून बहने लगा था। वह चिल्लाई तो उसकी आवाज सुनकर वहीं पास में रहने वाले उसके रिश्तेदार व उनके दोस्त आ गए, तो आदिल जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। फिर उसका भाई आ गया जो उसे 108 एंबूलेंस से जिला अस्पताल इलाज के लिए ले गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना केंट पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354(ए)(आई), 354 (डी)(1)(आई), 354, 509, 294, 506 भाग-2, 325 व लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षक अधिनियम 2012 की धारा 7, सहपठित धारा 8, 11, सहपठित धारा 12 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।