हित-मित और सत्य वचन बोलना ही उत्तम सत्य धर्म है: विनिश्चय सागर

पर्यूषण पर्व के पांचवे दिनभगवान पुष्पदंत का निर्वाण महोत्सव मनाया

भिण्ड, 23 सितम्बर। वाक्केसरी आचार्य 108 विनिश्चय सागर महाराज ने पर्यूषण पर्व पर पाचंवे दिन शनिवार को ऋषभ सत्संग भवन बताशा बाजार भिण्ड में उत्तम सत्य धर्म पर विशेष प्रवचन करते हुए कहा कि दूसरों को कष्ट हो, कठिन शब्दों के साथ सत्य का प्रयोग, जिससे किसी के दिल को ठेस पहुंचे, जिसके बोलने से किसी के प्राणों का वियोग हो। ऐसे वचन व शब्दों को छोडकर हित-मित और सत्य वचन बोलना उत्तम सत्य धर्म है। इसका पालन तभी हो सकता है जब हम दूसरों की निन्दा करना छोड दें। कभी भी किसी से विश्वासघात न करें। किसी को वचन मत दो और अगर वचन दिया है तो फिर निभाओ। ‘प्राण जाएं पर वचन न जाएं’ यही सत्य है। यही सत्य के साथ जीने वाले व्यक्ति हमेशा सुखी जीवन जीते हैं।
शनिवार को पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन तीर्थंकर पुष्पदन्त भगवान का निर्वाण महोत्सव मनाया गया। सभी भक्तों ने मिलकर उत्साह पूर्वक धर्म को धारण किया। इस अवसर पर ब्रह्मचारी श्रीपाल भैया ने तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया। अघ्र्य चढाने का सौभाग्य सचिन जैन को प्राप्त हुआ। भगवान का प्रथम लाढू चढाने का सौभाग्य कमलेश जैन तांतरी, जगदीश जैन भिण्ड को प्राप्त हुआ।