उत्कृष्ट विद्यालय में एनएसएस का अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड, 20 सितम्बर। भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशन में मंगलवार को शहर के शा. उत्कृष्ट उमावि क्र.एक भिण्ड में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा छात्रों के व्यक्तित्व एवं नेतृत्व क्षमता विकास के लिए अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य आरबी शर्मा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में एडीपीसी सत्यभान सिंह भदौरिया, प्रमुख प्रशिक्षक एवं मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में एनएसएस के राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त पर्वतारोही वरिष्ठ स्वयंसेवक धर्मेन्द्र सिंह तोमर उपस्थित रहे। संचालन एवं आभार रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरज सिंह गुर्जर ने किया।
ओरिएंटेशन कार्यशाला का शुभारंभ भगवान गणेश जी एवं प्रेरणा स्त्रोत विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। लक्ष्य गीत ‘उठें समाज के लिए उठें-उठें, जगें स्वराष्ट्र के लिए जगें-जगें’ पूजा शर्मा, कामिनी और इशिका राय ने गाया तथा एनएसएस गीत की प्रस्तुति सोनू बघेल, हिमांशु और ऋतिक ने दी। छात्रों के अभिमुखीकरण के दौरान एनएसएस दर्शन, एनएसएस क्या और क्यों? विषय पर मुख्य प्रशिक्षक धर्मेन्द्र सिंह तोमर ने विस्तार से प्रकाश डाला।
रासेयो के दर्शन पर प्रकाश डालते हुए तोमर ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना देश के सांस्कृतिक ताने-बाने और अखण्डता को संजोए रखने का कार्य करती है, यह एक जीवन शैली है और यह शैली स्वयंसेवा की भावना और व्यक्तित्व निर्माण के साथ सीखी जाती है, जिससे देश का वास्तविक सिपाही तैयार हो सके। इसीलिए एनएसएस के सदस्य को स्वयंसेवक कहा जाता है, इसी स्वयंसेवा की भाव को ध्यान में रखकर एनएसएस ने अपने लक्ष्य, उद्देश्य, ध्येय वाक्य, प्रतीक चिन्ह और प्रेरणा स्त्रोत को चुना है। उन्होंने एनएसएस की गतिविधियां, यूनिट कैंप, यूनिवर्सिटी, स्टेट और एनआईसी शिविरों के बारे में भी बताया। साथ ही इकाई से चलकर दिल्ली की आरडीसी परेड की अपनी सहभागिता को छात्रों के बीच साझा कर उन्हें प्रोत्साहित किया। एनएसएस के एबीसी सर्टिफिकेट और करियर में इनकी उपयोगिता के बारे में भी बताया।
एडपीसी सत्यभान भदौरिया ने कहा कि एनएसएस मानव सेवा कार्य के साथ समाज को जोडने का कार्य करता है। प्रीति व्यास ने कहा कि एनएसएस छात्रों के व्यक्तित्व विकास की एक महत्वपूर्ण कडी है, जो शिक्षा के साथ-साथ समाज और राष्ट्र की सेवा का पाठ पढाती है। सतेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा कि हमारा धर्म आध्यात्मिक और वैज्ञानिक सम्मत है, हर त्योहार हमें आपस में मिल-जुल करने रहने के साथ प्रकृति के संरक्षण का भी संदेश देता है। गणेश चतुर्थी आयोजन पर बोलते हुए धीरज त्रिपाठी ने बताया कि हम मिट्टी के गणेश और बीज गणेश की अपने घरों में स्थापना करें, जिससे नदियों और तालाबों को गणेश विसर्जन के समय जल प्रदूषण से बचाया जा सके और गणेशजी को घर के किसी गमले में विसर्जित करने पर बीज प्रस्फुटित होकर एक पौधा और वृक्ष बन जाएगा। पीओपी के बने गणेश को अब ना कहें।
अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य शर्मा ने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवक अनुशासन के साथ-साथ राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत होकर ‘नॉट मी बट यू, यानी स्वयं से पहले आप’ की भावना के साथ समाजसेवा का कार्य करते हैं। छात्रों के शारीरिक विकास के साथ बौद्धिक क्षमता के विकास में एनएसएस की गतिविधियां सहायक है। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
कार्यक्रम में उच्च माध्यमिक शिक्षक केएन वाजपेई, संजीव सिंह कुशवाह, उपेन्द्र सिंह भदौरिया, डीडी दीक्षित, प्रीति व्यास, सतेन्द्र सिंह कुशवाह, भारती परिहार, नीतू सिंह, जया कुशवाह, सोनी भदौरिया, घनश्याम राठौर, यतीन्द्र शर्मा, कमलेश कुशवाह, मधु शर्मा, सीमा भदौरिया, एसके जैन, भूपेन्द्र सिंह कुशवाह, मधुराज शर्मा, मनोज सिंह, संजीव जैन, विजय रायपुरिया, करुणा भदौरिया, अंजली, मधु तोमर, सुभाष दादोरिया, वासुदेव भदौरिया, केसी बाबूजी, हरेन्द्र गौतम सहित समस्त स्टाफ एवं एनएसएस के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।