ग्वालियर, 14 सितम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला ग्वालियर धीरज कुमार के न्यायालय दहेज की मांग करने एवं शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडित करने वाले आरोपीगण ओमप्रकाश बाथम, सामलिया बाथम, गीता बाथम को धारा 498ए भादंवि में एक-एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 700-700 रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत छह-छह माह सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से प्रकरण पैरवी कर रहीं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती गायत्री गुर्जर ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादिया नीलम का विवाह हिन्दू रीति रिवाज से अभियुक्त ओमप्रकाश से हुआ। शादी में सामथ्र्य के अनुसार दान दहेज दिए जाने के उपरांत अभियुक्त पति ओमप्रकाश, ससुर सामलिया एवं सास गीता उक्त दान दहेज से संतुष्ट नहीं हुए और पल्सर मोटर साइकिल व एक लाख रुपए लाने की फरियादी नीलम से कहते रहे। तत्पश्चात फरियादिया ने अपने मम्मी-पापा को बताया तो उसके पापा ने उसके ससुराल वालों से कहा, ससुराल वाले नहीं माने और उसे पहनने के कपडों में घर से निकाल दिया। तत्पश्चात 23 फरवरी 2013 को सुबह आठ बजे फरियादिया के घर गोसपुरा नं.एक पर उसका पति ओमप्रकाश, सास गीता एवं ससुर सामलिया आए और बोले कि वह मोटर साइकिल व एक लाख रुपए दे तब उसे ले जाएंगे, उसके मम्मी-पापा बोले वह निभा ले परंतु वह लोग नहीं माने तथा फरियादिया का हाथ मरोड दिया जिससे वह गिर गई, आरोपियों जान से मारने की धमकी दी। उसे उसकी मम्मी पापा एवं पडौसियों ने बचाया था। फरियादिया को उसके पति एवं सास-ससुर द्वारा दहेज लाने के लिए शारीरिक व मानसिक प्रताडित किया गया। उक्त संबंध में फरियादिया ने रिपोर्ट की, जिस पर से आरक्षी केन्द्र महिला थाना पडाव ने अपराध क्र.26/2013 अंतर्गत धारा 498-ए, 506 भाग-2 एवं 34 भादंसं के प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखवद्ध कर प्रकरण अनुसंधान में लिया गया। अनुसंधान के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका बनाया गया, साक्षियों के कथन अंकित किए गए एवं आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया व संपूर्ण अनुसंधान के पश्चात आरोपीगण द्वारा अपराध किया जाना प्रमाणित पाते हुए अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को सजा सुनाई है।