सेवार्थ पाठशाला के बच्चों ने मनाया जन्माष्टमी पर्व

ग्वालियर, 07 सितम्बर| निम्न आय वर्ग एवं झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के लिए ग्वालियर शहर में चल रही सेवार्थ पाठशाला में बच्चों को देश हित एवं संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों एवं बच्चों में संस्कार की भावना को जागृत करने के लिए समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा भारत की झांकी के परि दृश्य बच्चों के बीच में जो समाहित है उन्हें कला के माध्यम से उकेरा जाता रहता है|


सेवार्थ पाठशाला की मोनी बाबा पाठशाला वाली इकाई पर सभी पाठशाला के शिक्षकों एवं सभी पाठशालाओं से चयनित छात्रों को एकत्रित कर जन्माष्टमी का पर्व माननीय मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. विवेक पांडे, लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन एवं अन्य वरिष्ठ जनों की उपस्थिति में बच्चों ने अपनी कलाओं को नृत्य एवं राधा कृष्ण की झांकी के माध्यम से इतनी सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया कि उपस्थित जन समुदाय भाव विभोर हो गया| प्रख्यात नृत्यांगना कु़. शगुन शर्मा के मार्गदर्शन में बच्चों ने राधा कृष्ण के स्वरूप को बड़े ही सुंदर ढंग से नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया|

बच्चों ने विभिन्न भाव भंगिमा से उपस्थित जन समुदाय का मन मोह लिया| स्वयं शगुन शर्मा ने गणेश वंदना एवं राधा कृष्ण के भजनों के ऊपर बड़ी सुंदर प्रस्तुति पेश की! आगामी 11 सितंबर को होने वाले प्रतियोगिता के लिए आठ बच्चों का चयन भी किया गया|
पाठशाला के अध्यक्ष ओपी दीक्षित ने बताया कि नृत्य एवं गायन दो ऐसी कलाएं हैं जो कि सर्व समाज को संगठित होने में इसका विशेष योगदान है, नृत्य एवं गायन के माध्यम से बच्चों एवं समाज को हमारी भारतीय संस्कृति का बड़े मनोरंजक ढंग से ज्ञान प्राप्त होता है| पाठशाला समिति का सदैव यही प्रयास रहा है कि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ अपने भारत की संस्कृति को भी पहचाने, भारतवर्ष में मनाए जाने वाले विशिष्ट त्योहारों एवं देश पर न्योछावर होने वाले क्रांतिकारियों की याद में उनके विशिष्ट दिवस के अवसर पर विभिन्न तरह के कार्यक्रम पाठशाला की विभिन्न शाखाओ में समय-समय पर किए जाते रहते हैं| केआरजी कॉलेज की छात्रा कुमारी योगिता तोमर का जन्मदिन भी आज बच्चों के बीच जोर-जोर से मनाया गया| कार्यक्रम का संचालन भूतपूर्व सेना अधिकारी मनोज कुमार पांडे एवं आभार मोहनलाल अहिरवार ने व्यक्त किया| कार्यक्रम में प्रो. साहू, राकेश पांडे, रामस्वदेश राठौर, मोनी बाबा आश्रम के महंत, प्रबुद्ध समाजसेवी, करीब 30 शिक्षक एवं डेढ़ सौ बच्चे एवं उनके परिजन उपस्थित रहे|