बलात्कार में सहयोगी आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

न्यायालय ने लगाया पांच हजार रुपए का अर्थदण्ड

ग्वालियर, 21 सितम्बर। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय ने धारा 376(1) सहपठित धारा 120बी भादंवि में आरोपी मंगल उर्फ मनीष को जघन्य सनसनीखेज के मामले में दोषी पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने घटना के बारे में बताया कि 13 अगस्त 2021 को फरियादी ने रिपोर्ट की कि उसकी पुत्री घर से मुरैना के लिए विधि विवादित किशोर के साथ गई थी, जब वे मुरैना पहुंचे तो मुरैना से भिण्ड के लिए कोई बस नहीं थी, फिर वे दोनों वापस ग्वालियर आए, वहां से ये दोनों एक दोस्त के यहां गए, जहां विधि विवादित किशोर ने अभियोक्त्री के साथ बलात्कार किया। इसके बाद सह अभियुक्त कुलदीप ने अभियोक्त्री को उसके ताऊ के घर भिण्ड छोड़ दिया, वहां से फरियादी की जेठानी ने उसे फोन पर बताया कि अभियोक्त्री व विधि विवादित किशोर यहां आए हैं, वहां से भानू उन्हें लेकर आया। फरियादी ने अभियोक्त्री से पूछा कि वह विधि विवादित किशोर के साथ क्यूं गई थी तो अभियोक्त्री ने बताया कि वह उसे ले गया था और उसने अभियोक्त्री के साथ बलात्कार किया। फरियादी द्वारा की गई शिकायात के आधार पर पुलिस थाना ग्वालियर के अपराध क्र.436/18 पर प्रकरण पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। अभियोक्त्री ने धारा 164 दंप्रसं के कथनों में विधि विवादित किशोर का नाम अभिदर्शित करते हुए किशोर एवं अभियुक्त मंगल द्वारा उसे बेकरी में ले जाने तथा अभियुक्त मनीष उर्फ मंगल द्वारा उसे विधि विवादित किशोर के साथ बेकरी के अंदर बंद कर बाहर से ताला डालकर चले जाने बावत प्रकटीकरण किया। जिसके आधार पर चिकित्सकीय परीक्षण, नक्शा मौका बनाया जाकर अभियुक्त मनीष उर्फ मंगल को गिरफ्तार कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया तथा विधि विवादित किशोर के संबंध में अभियोग पत्र किशोर न्याय बोर्ड ग्वालियर के समक्ष पेश किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायालय ने आरोपी मनीष उर्फ मंगल को दोषी पाते हुए धारा 376(1) सहपठित धारा 120बी भादंवि में दोषी पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।