फर्जी एफडीआर की जांच के फेर में उलझा स्ट्रीट लाइट का काम

महीने बीत जाने के बाद भी नगर पालिका अधिकारी नहीं कर पाए जांच
27 लाख रुपए की लागत से अटल चौक से सीएम राइज स्कूल तक लगनी है स्ट्रीट लाइट, चार साल में भी पूरा नहीं हुआ काम

भिण्ड, 27 मई। गोहद नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत अटल चौक से सीएम राइज स्कूल तक सडक़ पर बने डिवाइडर के बीचों बीच स्ट्रीट लाइटिंग अब तक नहीं हो सकी है। जबकि इसकी कवायद चार साल से चल रही है। करीब छह महीने पहले डिवाइडर पर पोल भी गढ़वा दिए गए। लेकिन इसी बीच नगर पालिका में ठेकेदारों की फर्जी एफडीआर का मामला उजागर होने के बाद यह काम भी अधर में लटक गया है। महीने बीत जाने के बाद भी प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुरेन्द्र शर्मा फर्जी एफडीआर मामले में जांच पूरी नहीं कर पाए।
सूत्रों के अनुसार नगर पालिका अधिकारी व ठेकेदार आपस में साठ-गांठ कर इस मामले को दबाने में लगे हैं, क्योंकि जिन ठेकेदारों का फर्जी एफडीआर का मामला सामने आया है, उनकी बड़ी राजनीतिक पकड़ है। ज्ञात हो कि मौ रोड बनने के बाद इस पर स्ट्रीट लाइट लगाए जाने की मांग जनमानस द्वारा उठाई जा रही थी, जिस पर नगर पालिका परिषद द्वारा वर्ष 2018-19 में अटल चौक से सीएम राईज स्कूल तक डिवाइडर पर लाइटिंग कराने की कार्ययोजना बनाकर टेंडर प्रक्रिया करके ठेकेदार द्वारा काम शुरू कराया गया, लेकिन इसी बीच नगर पालिका परिषद में ठेकेदारों द्वारा फर्जी एफडीआर लगाए जाने का खुलासा हो गया। इसके बाद संबंधित ठेकेदारों के क्रिया-कलापों की जांच पड़ताल शुरू हो गई। इस जांच पड़ताल के फेर में इस कार्य के साथ ही अन्य विकास कार्य भी अटक कर रह गए है। न तो जांच पूरी हुई और न ही विकास कार्य हो सके।
फोरलेन मार्ग पर भी पसरा रहता है अंधेरा
अटल चौक से स्टेशन रोड तक लगी स्ट्रीट लाइट भी बीच-बीच में बंद पड़ी हुई है और जो जल रही हैं उनकी भी रोशनी कम हो गई है, जिससे सडक़ पर अधिकाशत: अंधेरा पसरा रहता है। तेहरा रेलवे क्रॉसिंग से स्टेशन तक भी अंधेरा रहता है। लगभग एक किमी के इस क्षेत्र में भी शाम ढलने पर आवागमन करने वालों को परेशानी का सामना करना रहा है। इस मार्ग पर भी दुर्घटना घटित होने की आशंका रहने लगी है। अधिकारियों से नगर वासियों द्वारा कई बार इसके लिए मांग की की जा चुकी है। लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं कराया जा सका है। सडक़ पर अंधेरा होने से रात के समय यहां पर असमाजिक लोगों का जमावड़ा होता है।
इस पूरे मामले की प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुरेन्द्र शर्मा से बात करनी चाही तो उन्होंने इस मामले पर बात करना उचित नहीं समझा। हो सकता है कि उन पर कोई बड़ा राजनीतिक दवाब हो।