भक्त भगवान को होते हैं सबसे प्रिय : पं. गोन्विद दुबे

अकोड़ा में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 26 मई। जिले की नगर परिषद अकोड़ा में राम जानकी मन्दिर पर वार्ड क्र.पांच में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास पं. गोविन्द दुब ने भक्ति प्रहलाद की भक्तिमयी कथा का मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि राजा बलि के लिए सदेव तत्पर रहते हैं, दानवीर राजा बलि के लिए वह उनके पहरेदार तक बने उसी तरह भगवान की भक्ति कोई करता है तो भगवान तो स्वयं रक्षा करते हैं।
उन्होंने सती अनुसुइया की कथा को उद्धरित करते हुए कहा कि पत्नी का देव और देवता सर्वस्व उसका पति ही होता है। आज-कल पत्नियां पतियों को धोखा दे रही हैं और सभ्यता का नाश करती हैं। पत्नी का प्रथम धर्म, ब्रत, गुरू, भगवान उसका पति ही होता है, इसलिए माता-बहनों को चाहिए कि वो अपने घर को स्वर्ग बनाने का प्रयास करें। पत्नियों को पति की सेवा करनी चाहिए। पति के दुस्प्रभाव पर भी व्यास ने कहा कि नाटक की इस दुनिया में हमारा परिवार, समाज भी नाटक बनके रह गया है। इस अवसर पर पं. गोविन्द दुबे का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। भागवत स्थल भक्तों के अपार जन समूह से रहा है। साथ ही साधुओं, भक्तों को भण्डारा प्रसादी भी वितरण लगातार की जा रही है।