भिण्ड, 25 मई। आलमपुर नगर के समीप ग्राम विशेपुरा में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का गुरुवार को समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद पं. रामकुमार त्रिपाठी (शास्त्री) महाराज के मुखारविंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्रीकृष्ण के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण के सर्वोपरी लीला रासलीला, मथुरा गमन, कंस के अत्याचार से मुक्ति के लिए उसके बध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया।
कथा व्यास ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा, जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूरदराज से महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। सात दिनों तक इस कथा में पूरा वातावरण भक्तिमय रहा। श्रीमद् भागवत का आयोजन भांपर सरपंच देवेन्द्र सिंह गुर्जर द्वारा कराया जा रहा है। भागवत कथा के आयोजन के बाद मित्र मण्डली द्वारा उपस्थित भक्तों के लिए सातों दिन विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया।